logo-image

कांग्रेस में फिर तनातनी, पायलट गुट के विधायक हेमाराम चौधरी ने दिया इस्तीफा

राजस्थान कांग्रेस में फिर तनातनी की खबर सामने आ रही है. दरअसल, सचिन पायलट खेमे से जुड़े पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक हेमाराम चौधरी ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है.

Updated on: 18 May 2021, 05:30 PM

highlights

  • पायलट ग्रुप के विधायक हैं हेमाराम चौधरी
  • हेमाराम नहीं बता रहे इस्तीफा देने का कारण
  • ऐसे में अब फिर सचिन पायलट की बढ़ी परेशानी

जयपुर :

राजस्थान की सियासत में एक बार फिर उठापटक होने के आसार दिखाई देने लगा है. राजस्थान कांग्रेस में फिर तनातनी की खबर सामने आ रही है. दरअसल, सचिन पायलट खेमे से जुड़े पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक हेमाराम चौधरी ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है. बाड़मेर के गुड़ामालानी विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक हेमाराम चौधरी ने विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा भेजा है. हालांकि अभी तक संबंध में चौधरी का पक्ष सामने नहीं आ पाया है. लेकिन उनकी ओर से विधानसभा अध्यक्ष को भेजा गया इस्तीफा सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है.

यह भी पढ़ें : सीएम ममता ने की राज्यपाल बदलने की मांग, पीएम, राष्ट्रपति को लिखा पत्र

पिछले लंबे समय से कांग्रेस (Congress) के विधायक हेमाराम चौधरी सचिन पायलट (Sachin Pilot) को मुख्यमंत्री बनाने के साथ ही कई अन्य मांगों को लेकर लगातार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का विरोध कर रहे थे.पूर्व में कैबिनेट मंत्री रह चुके हेमा राम क़द्दावर जाट नेता माने जाते है. हेमाराम से उनके फोन पर संपर्क करने पर उनके पीए ने इस बात की पुष्टि की है. हेमा राम ने इस्तीफ़े की वजह तो अपने पत्र में नहीं लिखी है, लेकिन समझा जा रहा है कि लम्बे अर्से से उनकी सरकार में अनदेखी इसकी बड़ी वजह है. हेमा राम के इस्तीफ़े के बाद अब राजस्थान में फिर से गहलोत विरोधी मुहिम ज़ोर पकड़ सकती है.

यह भी पढ़ें : सिंगापुर में आया कोरोना बच्चों के लिए बेहद ख़तरनाक, हवाई सेवाएं रद्द हों: केजरीवाल

पायलट ग्रुप के विधायक हैं हेमाराम चौधरी. हेमाराम नहीं बता रहे इस्तीफा देने का कारण. ऐसे में अब फिर सचिन पायलट की बढ़ी परेशानी. अभी पायलट ग्रुप की नाराजगी से जोड़ा जा रहा इस्तीफा, लेकिन सूत्रों के अनुसार पायलट ने हेमाराम को रोका था. इसके बावजूद हेमाराम ने पहले की तरह इस्तीफा भेजा दिया. सरकार और संगठन को प्रेशर में लाने की कोशिश में हेमाराम. बाड़मेर में हरीश चौधरी के बढ़ते "पावर ग्राफ" से भी परेशान हेमाराम. अपने एक नजदीकी का ट्रांसफर होने से भी नाराज थे हेमाराम, लेकिन इस कदम का असर पड़ेगा सीधा पायलट पर. पॉलिटिकल मैसेज यही जाएगा कि फिर कोई "सियासी" भूचाल की तैयारी. इससे आलाकमान और अजय माकन के सामने पायलट की स्थिति हो सकती अटपटी.