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सोनिया गांधी के PM मोदी के नाम पत्र का अशोक गहलोत ने किया समर्थन, कही ये बड़ी बात

देश में कोरोना का कहर लगातार जारी है. कोरोना की दूसरी लहर अभी ठीक से थमा भी नहीं है कि एक दूसरी बीमारी लोगों को बीमार बना रही है. कोरोना के बाद ब्लैक फंगस देश में कोहराम मचा रखा है. देश के कई राज्यों ने ब्लैक फंगस को भी आपदा घोषित कर दिया है.

Updated on: 22 May 2021, 07:20 PM

जयपुर:

देश में कोरोना का कहर लगातार जारी है. कोरोना की दूसरी लहर अभी ठीक से थमा भी नहीं है कि एक दूसरी बीमारी लोगों को बीमार बना रही है. कोरोना के बाद ब्लैक फंगस देश में कोहराम मचा रखा है. देश के कई राज्यों ने ब्लैक फंगस को भी आपदा घोषित कर दिया है. इसी बाबत कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. इसमें उन्होंने ब्लैक फंगस की दवा की कमी पर चिंता जाहिर कि है. सोनिया गांधी ने पत्र लिखकर पीएम मोदी से अनुरोध किया कि म्यूकर मायकोसिस यानी ब्लैक फंगस का कहर बढ़ता जा रहा है.

कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा कर कहा है कि ब्लैक फंगस से निपटने के लिए पर्याप्त दवाओं का इंतजाम किया जाए. सोनिया गांधी पीएम को Liposomal Amphotericin-B की भारी कमी पर कार्रवाई करने और आयुष्मान भारत जैसे अन्य स्वास्थ्य बीमा में म्यूकोरमाइकोसिस को कवर करने का अनुरोध किया है.

कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम लिखे इस पत्र पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा है कि कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधीजी ने बार-बार भारत में कोविड-19 महामारी प्रबंधन से सम्बन्धित महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपनी चिन्ता व्यक्त की हैं.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आगे लिखते हैं 'उन्होंने ब्लेक फंगस के लिए आवश्यक दवाईयों की उपलब्धता सुनिश्चित करने और इसका निःशुल्क उपचार करने का सुझाव दिया है जो आम आदमी के लिए बहुत ही आवश्यक है. आज देश का आम नागरिक कोविड-19 की दूसरी लहर से लड़ रहा है. मुझे खुशी है कि राजस्थान देश का पहला राज्य बन गया है जिसने राजस्थान महामारी एक्ट 2020 के तहत ब्लेक फंगस को नोटिफायबल डिजीज घोषित किया है और इसके निःशुल्क उपचार हेतु प्रावधान किया है'.

कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है, "मैं आपसे अनुरोध करने के लिए लिख रहा हूं कि आप उन बच्चों को नवोदय विद्यालयों में मुफ्त शिक्षा दिए जाने पर विचार करें, जिन्होंने कोविड-19 महामारी के कारण माता-पिता या माता-पिता में से किसी एक कमाने वाले को खो दिया है. मुझे लगता है कि एक राष्ट्र के रूप में, हम उनके ऋणी हैं. उन्हें उनके साथ जो अकल्पनीय त्रासदी हुई है, उसके बाद उन्हें मजबूत भविष्य की उम्मीद दें."