राजस्थान में शराब बंदी को लेकर सीएम अशोक गहलोत का कहना है कि वह शराब बंदी के पक्ष में हैं. उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत तौर पर शराब बंदी के पक्ष में हैं. शराब पर एक बार प्रतिबंध लगाया गया था लेकिन वह सफल नहीं रहा. उन्होंने कहा कि गुजरात में आजादी के बाद से ही शराब पर पाबंदी लगी है. लेकिन गुजरात में शराब की खपत सभी राज्यों से ज्यादा है. घर-घर में शराब पी जाती है. उन्होंने कहा कि गांधी के गुजरात की यह हालत है. कुछ कड़े इंतजाम होने तक प्रतिबंध का कोई मतलब नहीं है.
उठाए जाएंगे कड़े कदम
बिहार और गुजरात में शराब बंदी के बाद अब राजस्थान सरकार भी शराब को लेकर कड़े कदम उठाने वाली है. अशोक गहलोत सरकार प्रदेश में शराब बंदी तो नहीं लागू करेगी लेकिन शराब के व्यवसाय को कंट्रोल करने के लिए कुछ ठोस कदम जरूर उठाने वाली है. खबर है कि राज्य में शारब बंदी तो नहीं होगी लेकिन उसे लेकर कुछ कड़े इंतजाम होंगे.
जिनमें से एक कदम यह होगा कि राज्य में रात 8 बजे के बाद कोई भी शराब की दुकान नहीं खुलेगी. इसे मॉनिटर करने की जिम्मेदारी आबकारी अधिकारी के साथ ही सर्किल इंस्पेक्टर की भी जिम्मेदारी होगी. आबकारी नियमों को भी सख्त किया जा रहा है, इनके तहत अवैध शराब के कारोबार करने वालों को अब 8 साल तक की सजा व 50 हजार रुपये तक का जुर्माने का प्रावधान है.
यह भी पढ़ें- डेढ़ करोड़ की लूट करने वालों को छत्तीसगढ़ पुलिस ने फिल्मी अंदाज में पकड़ा
सीएम गहलोत ने हरियाणा, उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों से अवैध शराब के परिवहन पर रोक लगाने के लिए अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपने का निर्देश दिया है. राज्य से गुजरात में होने वाली शराब की तस्करी को रोकने के लिए राजस्थान और गुजरात सीमा पर पुलिस एवं आबकारी विभाग की टीम दिन रात तैनात रहेगी. पुलिस शराब तस्करों के साथ न मिले इसके लिए समय-समय पर स्टिंग ऑपरेशन चलाए जाएंगे.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो