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पेट्रोलियम पदार्थों के बढ़ते दामों को लेकर गहलोत का केंद्र सरकार पर हमला

सीएम गहलोत ने कहा कि आम आदमी के साथ विश्वासघात है किया. सीएम अशोक गहलोत ने केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि, जब केंद्र में यूपीए की सरकार हुआ करती थी तब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें 120 डॉलर प्रति बैरल थीं लेकिन पेट्रोल, ड

Updated on: 03 Dec 2020, 05:42 PM

नई दिल्ली:

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर पेट्रोलियम पदार्थों के बढ़ते दामों को लेकर जमकर हमला बोला है. सीएम गहलोत ने कोरोना महामारी के दौर में भी केंद्र सरकार द्वारा डीजल, पेट्रोल और रसोई गैस के दामों में बढ़ोत्तरी करने को लेकर केंद्र सरकार को लताड़ लगाई है. सीएम गहलोत ने कहा कि आम आदमी के साथ विश्वासघात है किया. सीएम अशोक गहलोत ने केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि, जब केंद्र में यूपीए की सरकार हुआ करती थी तब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें 120 डॉलर प्रति बैरल थीं लेकिन पेट्रोल, डीजल के दाम 70 रुपये प्रति लीटर तक सीमित थे. 

अब जब केंद्र में एनडीए की सरकार है तब अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में तेल की कीमतें सस्ती होकर 50 रुपये प्रति बैरल आ चुकी हैं लेकिन केंद्र की मोदी सरकार इसके बावजूद भी पेट्रोल और डीजल के दामों में कमी नहीं कर रही है. कोरोना महामारी के दौर में भी मोदी सरकार ने पट्रोलियम पदार्थों के दामों में कमी नहीं की है. इसके बावजूद भी मोदी सरकार डीजल, पेट्रोल के दाम लगातार बढ़ा रही ही है. जब किसी राज्य में चुनाव होते हैं तो केंद्र सरकार डीजल, पेट्रोल के दामों को स्थिर कर देती है लेकिन चुनाव खत्म होते ही पुन: दाम बढ़ा देती है.

आपको बता दें कि कल रसोई गैस के दामों में 50 रुपये की बढ़ोत्तरी कर मोदी सरकार ने आम जनता की रसोई का बजट बिगाड़ दिया है. केंद्र सरकार द्वारा रसोई गैस की सब्सिडी को खत्म कर दी है जिससे उज्ज्वला योजना में कनेक्शन पाने वाले गरीब लोग भी अपना सिलेंडर रिफिल नहीं करा पा रहे हैं. कोरोना काल में जब सरकार को लोगों की मदद करनी चाहिये थी तब मोदी सरकार लोगों को महंगाई के बोझ तले दबा रही है। केंद्र सरकार को कच्चे तेल की कम कीमत का फायदा आमजन को देने के लिये डीजल, पेट्रोल और रसोई गैस के दाम कम करने चाहिये.