Rajasthan: भारतीय ट्राइबल पार्टी ने पृथक भील प्रदेश बनाने की मांग तेज की

छात्रों के वर्चस्व वाली इस पार्टी ने अपनी जीत से सत्ता में लौटी कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी को हैरान कर दिया.

छात्रों के वर्चस्व वाली इस पार्टी ने अपनी जीत से सत्ता में लौटी कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी को हैरान कर दिया.

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Vikas Kumar
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Rajasthan: भारतीय ट्राइबल पार्टी ने पृथक भील प्रदेश बनाने की मांग तेज की

BTP ने की अलग भील प्रदेश बनाने की मांग

भारतीय ट्राइबल पार्टी (BTP) ने मध्यप्रदेश, राजस्थान और गुजरात के जनजाति बहुल इलाकों को मिलाकर पृथक भील प्रदेश बनाने की मांग तेज कर दी है. BTP का गठन 2017 में गुजरात में हुआ था. पिछले साल राजस्थान में हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी ने 11 उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारे थे और दो सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब रही. छात्रों के वर्चस्व वाली इस पार्टी ने अपनी जीत से सत्ता में लौटी कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी को हैरान कर दिया. 200 सदस्यों वाले राजस्थान विधानसभा में BTP के दो सदस्य हैं.

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सागवाड़ा से BTP विधायक रामप्रसाद डिंडोर ने कहा कि हमारी मौजूदा बदहाली के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों जिम्मेदार हैं. उन्होंने हमारे सारे संसाधनों का उपयोग किया लेकिन हमारे लिए किसी प्रकार का विकास कार्य नहीं किया. BTP के दूसरे विधायक राजकुमार रोत ने कहा कि बजट में जनजाति उप योजना के तहत करोड़ों रुपये की मंजूरी दी जाती है लेकिन महज 21 फीसदी का उपयोग होता है और बाकी रकम विभिन्न अधिकारियों की जेब में चली जाती है. रोत चोरासी विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं.

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उन्होंने कहा कि अब कांग्रेस कार्यकर्ता जब हमसे पूछते हैं कि आप अलग राज्य की मांग क्यों कर रहे हैं तो मैं ईमानदारी से कहता हूं कि अगर मां अपने एक बच्चे को पूरी तरह नजरंदाज करेगी तो वह निश्चित रूप से अपने साहस को प्रमाणित करने के लिए अपनी पहचान बनाएगा. BTP ने जनवरी में बांसवाड़ा में एक जनसभा बुलाई और अलग भील प्रदेश की मांग उठाई.

राजस्थान में BTP के वरिष्ठ नेता बी. एल. छानवाल ने पत्रकारों को बताया कि BTP पृथक राज्य की मांग का समर्थन कर रहा है. हम संविधान की पांचवीं अनुसूची को लागू करने की भी मांग करते हैं जिसमें जनजाति को अपनी जमीन के अधिकार की रक्षा करने का जिक्र है. जल, जमीन और जंगल हमारा है, लेकिन विभिन्न लोगों ने इन पर कब्जा कर लिया है और वे इनका दोहन कर रहे हैं, जो वास्तव में दुखद है.

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BTP ने 14 फरवरी को फिर उदयपुर में एक विशाल रैली में पृथक राज्य की अपनी मांग दोहराई. उन्होंने जनजातियों के उत्पीड़न पर शीघ्र रोक लगाने की मांग की. BTP के प्रदेश अध्यक्ष वेलाराम घिघरा ने इस अवसर पर कहा कि हमारे दो उम्मीदवार विधायक बनकर विधानसभा में दाखिल हो गए हैं. अब हमारी पार्टी के सांसद भी होंगे.जनजाति नेताओं ने कांग्रेस और भाजपा की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने उनके अधिकार छीन लिए और उनके विकास को अवरुद्ध कर दिया.

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Source : News Nation Bureau

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