राजस्थान में किसानों की कर्जमाफी की घोषणा पर बढ़ी सियासत

किसानों की कर्जमाफी को लेकर हो रही सियासत पर कांग्रेस नेताओं का कहना है कि कांग्रेस ही ऐसी पार्टी है जो कहती है वो करती है. बीजेपी की तरह झूठे वादे नहीं करती है.

किसानों की कर्जमाफी को लेकर हो रही सियासत पर कांग्रेस नेताओं का कहना है कि कांग्रेस ही ऐसी पार्टी है जो कहती है वो करती है. बीजेपी की तरह झूठे वादे नहीं करती है.

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Vineeta Mandal
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राजस्थान में किसानों की कर्जमाफी की घोषणा पर बढ़ी सियासत

किसानों की कर्जमाफी पर बढ़ी सियासत (सांकेतिक चित्र)

मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के बाद कांग्रेस ने राजस्थान में भी अपना वादा निभा दिया है. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को प्रदेश के किसानों का कर्ज माफ करने की घोषणा की. मुख्यमंत्री बनने के तीसरे दिन अशोक गहलोत ने किसानों के कर्ज माफ करने की फाइल पर साइन किया. इस दौरान सीएम ने कहा, 'सहकारी बैंको से लिया गया किसानों का पूरा अल्पकालीन कर्ज माफ होगा'

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इस घोषणा के बाद कॅामर्शियल बैंकों से लिया गया 2 लाख रुपए तक का किसानों का कर्ज माफ किया जाएगा. हालांकि इससे प्रदेश सरकार पर लगभग 18 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार आ जाएगा.

किसानों की कर्जमाफी को लेकर हो रही सियासत पर कांग्रेस नेताओं का कहना है कि कांग्रेस ही ऐसी पार्टी है जो कहती है वो करती है. बीजेपी की तरह झूठे वादे नहीं करती है.

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दूसरी और आम आदमी पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष और किसान नेता रामपाल जाट का कहना है , 'यह सीएम गहलोत की जादूगरी है, जादू में जैसा दिखता है वैसा होता नहीं है और जो होता है वह दिखता नहीं है. इससे किसानों का बहुत अधिक भला नहीं होने वाला. जब किसान को फसलों का उचित मूल्य नहीं मिलेगा, किसान कर्ज में डूबा रहेगा.'

विधानसभा चुनावों में बीजेपी को शिकस्त देते हुए कांग्रेस नें तीन राज्यों पर जीत हासिल करने के बाद किसानों से किया वादा पूरा करा विपक्ष को करारा जवाब दिया है. हालांकि कर्जमाफी के चलके आर्थिक दबाव का सामना सरकार किस तरह करेगी यह देखना होगा.

बता दें कि मध्य प्रदेश के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सीएम पद की शपथ के साथ ही किसानों की कर्जमाफी की घोषणा कर दी थी जिसके बाद छत्तीसगढ़ और राजस्थान में किसानों को कर्ज माफ किया गया. साथ ही बीजेपी शासित राज्यों में भी किसानों का कर्ज माफ करने की बात हो रही है.

गौरतलब है कि मंगलवार को असम सरकार ने 600 करोड़ रूपये के किसान कर्ज को हरी झंडी मिल गई थी. असम सरकार के प्रवक्ता और संसदीय मामलों के मंत्री चंद्र मोहन पटवारी ने कहा था कि योजना के तहत सरकार किसानों के 25 प्रतिशत तक कर्ज बट्टे खाते में डालेगी. इसकी अधिकतम सीमा 25,000 रुपये है. असम में कर्ज माफ़ी में सभी प्रकार के किसान शामिल है.

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गुजरात सरकार ने भी ग्रामीणों के बिजली माफ़ी का ऐलान किया था. विजय रुपानी के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार ने 6 लाख उपभोक्ताओं का 625 करोड़ का बिजली बकाया बिजली माफ करने की घोषणा की थी.

Source : News Nation Bureau

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