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आधी रात चीखता है... कांपने लगता है... ऑनलाइन गेमिंग की लत से बिगड़ा बच्चे का मानसिक संतुलन

राजस्थान में एक बच्चा ऑनलाइन गेम खेल कर पागल हो गया. वो रात-रात को चिल्लाता है, अचानक कांपने लगता है. फिलहाल साइकेट्रिस्ट उसका इलाज कर रहे हैं.

Updated on: 13 Jul 2023, 11:16 AM

राजस्थान:

खेल-खेल में पगला गया बच्चा! खबर अलवर शहर के मूंगस्का कॉलोनी की है, जहां एक 7वीं कक्षा में पढ़ने वाला 14 साल का बच्चा अपना मानसिक संतुलन खो बैठा है. दरअसल ये बच्चा बीते 7 महीनों से हर दिन 15 घंटे से भी ज्यादा फ्री फायर और पबजी जैसे ऑनलाइन गेम खेलता था. अब आलम ये है कि 14 साल का ये बच्चा अचानक कांपने लगता है. सोते समय उसकी उंगलिया खुद ब खुद चलने लगती है, नींद में भी वो फायर-फायर चिल्लाता है.

अपने बच्चे को इस हालत में देख मां-बाप का रो-रो कर बुरा हाल है, उनका कहना है कि उन्होंने कई डाक्टरों को दिखाया गया, मगर कहीं कोई कामयाबी हाथ नहीं आई. अब मजबूरन उन्हें अपने बच्चे को दिव्यांग संस्थान में रखना पड़ रहा है, जहां साइकेट्रिस्ट उसका इलाज कर रहे हैं. 

घर पर अकेला रहता...

दरअसल इस बच्चे के मां-बाप कामकाजी है. जहां उसकी मां आसपास के घरों में झाड़ू पोछा लगा कर कुछ पैसे कमाती है, वहीं बाप रिक्शा चलाता है. ऐसे में हर सुबह दोनों ही घर से निकल जाते थे, जिसके बाद ये बच्चा घर में अकेला रहता था और लगातार 15 घंटे से ज्यादा मोबाइल पर ऑनलाइन गेम खेलता था. धीरे-धीरे उसकी ये लत उसपर इस कदर हावी हो गई कि, उसे रात को नींद आना ही बंद हो गई. वो पूरी-पूरी रात रजाई या चादर ओढ़कर गेम खेलता रहता था. उसने खाना पीना तक छोड़ दिया था, बस मुंह पर फायर रट लगाकर बैठा रहता. 

आधी रात चिल्लाता... कांपता

परिवार के मुताबिक, इसी साल 2023 के जनवरी महीने में ही बच्चे के पिता ने उसे ऑनलाइन क्लास के लिए एंड्राइड मोबाइल दिलाया था, लेकिन उसने इसी मोबाइल से अपनी जिंदगी बर्बाद कर ली. जब परिवार वालों को उसकी इस आदत का पता चला तो फौरन उससे मोबाइल छीन लिया गया, मगर बार-बार जिद करने लगा. जब घर वाले राजी न हुए, तो गुस्से में आकर वो चीखते-चिल्लाते घर छोड़ कर चला गया, उसने ऐसा करीब दो बार किया, जिसके बाद परिवार वालों ने उसे दो महीने तक घर में ही बांध कर रखा, उन्होंने सोचा कि शायद इससे उसके हालात में कोई सुधार आएगा, मगर स्थिति और भी ज्यादा बिगड़ती गई. वो रात-रात को चिल्लाता, उसका शरीर कांपने लगता, उसके शरीर में जकड़न आ जाती.

अब परिवार वालों ने उसके इलाज के लिए जयपुर जाने का फैसला किया, मगर वहां भी कुछ खास बात नहीं बनी. अंततः उसे फिलहाल 15 दिन के लिए स्पेशल बच्चों के हॉस्टल में स्कीम नंबर 8 में भर्ती कराया है, जहां साइकेट्रिस्ट और काउंसलर उसकी ठीक होने में सहायता कर रहे हैं. साथ-साथ मनोरोग चिकित्सक और अन्य डाक्टरों भी इस केस में रिसर्च कर रहे हैं. खबर है कि फिलहाल उसकी स्थिति में सुधार है...