Advertisment

पिछले साल 2 अप्रैल को भारत बंद के दौरान दर्ज मुकदमों की वापसी पर सियासत

पिछले साल 2 अप्रैल को भारत बन्द के दौरान लगे दर्ज मुकदमों को वापस लेने को लेकर प्रदेश में सियासत हो रही है. बसपा सुप्रीमो मायावती की चेतावनी के बाद राजस्थान सरकार मुकदमों की वापसी में जुट गई है.

author-image
Sunil Mishra
एडिट
New Update
पिछले साल 2 अप्रैल को भारत बंद के दौरान दर्ज मुकदमों की वापसी पर सियासत

भारत बंद की फाइल फोटो

Advertisment

पिछले साल 2 अप्रैल को भारत बन्द के दौरान लगे दर्ज मुकदमों को वापस लेने को लेकर प्रदेश में सियासत हो रही है. बसपा सुप्रीमो मायावती की चेतावनी के बाद राजस्थान सरकार मुकदमों की वापसी में जुट गई है. मगर इसको लेकर सियासत शुरू हो गई है. भाजपा का दावा है कि इस मामले में निर्दोष लोगों के मुकदमे पहले ही वापस ले लिए गए हैं. वही कांग्रेस के लिए सभी मुकदमे वापस लेना आसान नहीं होगा. दरअसल उस दौरान 300 से अधिक मुकदमे दर्ज हुए थे.

विधानसभा चुनावों में 2 अप्रैल भारत बंद के दौरान दलित आंदोलन में दर्ज मुकदमे मुद्दा बने थे और एक बार फिर लोकसभा चुनावों से पूर्व दलितों पर दर्ज मुकदमों से प्रदेश की सियासत गरमा गई है. बसपा सुप्रीमो की चेतावनी के बाद राजस्थान में कांग्रेस सरकार ने मुकदमों को वापस लेने की कवायद शुरू कर दी है. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बसपा सुप्रीमो मायावती के बयान को उनकी स्वाभाविक मांग बताया है.

गहलोत ने कहा कि मायावती की ये मांग स्वाभाविक है, क्योंकि नेताओं को अपने कार्यकर्ताओं को मेसेज देना पड़ता है. इस मामले में कानून अपना काम करेगा. दलित आंदोलन के दौरान यदि किसी निर्दोष के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है तो उसका परीक्षण किया जाएगा.

दूसरी ओर, पूर्व मंत्री और विधायक मदन दिलावर ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा, कांग्रेस जाति की राजनीति करती है, जहां तक मुकदमे वापस लेने की बात है तो बीजेपी पहले ही निर्दोष लोगों के मुकदमे वापस ले चुकी है.

Source : Lal Singh Fauzdar

Politics on Dalit bharat-band rajasthan FIR Rajasthan News
Advertisment
Advertisment
Advertisment