शिक्षक से शिक्षामंत्री तक ऐसा रहा कांग्रेस नेता भंवरलाल मेघवाल का सियासी सफर
मास्टर भंवरलाल मेघवाल ग्रामीण अंचल से बिलांग करते थे उनका राजनीतिक सफर बहुत ही दिलचस्प रहा है. एक शिक्षक से शिक्षामंत्री तक का सफर तय करने में उन्होंने लंबे संघर्ष किए थे. आइए आपको बताते हैं मेघवाल के शिक्षक से शिक्षा मंत्री तक के इस रोचक सफर के बारे
नई दिल्ली:
राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री भंवरलाल मेघवाल (Bhanwarlal Meghwal) का सोमवार को निधन (Demise) हो गया. राजस्थान की सुजानगढ़ विधानसभा सीट से विधायक रहे भंवरलाल मेघवाल राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार में मौजूदा समय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग एवं आपदा राहत प्रबंधन विभाग की जिम्मेदारी निभा रहे थे. मास्टर भंवरलाल मेघवाल ग्रामीण अंचल से बिलांग करते थे उनका राजनीतिक सफर बहुत ही दिलचस्प रहा है. एक शिक्षक से शिक्षामंत्री तक का सफर तय करने में उन्होंने लंबे संघर्ष किए थे. आइए आपको बताते हैं मेघवाल के शिक्षक से शिक्षा मंत्री तक के इस रोचक सफर के बारे में.
भंवरलाल मेघवाल का सियासी सफर
भंवरलाल मेघवाल का सियासी सफर साल 1977 से शुरू हुआ था आपको बता दें कि इस साल मेघवाल पहली बार कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़े. लेकिन अपने पहले ही चुनाव में उन्हें शिकस्त का सामना करना पड़ा. इसके बाद साल 1980 के चुनाव में पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया. पार्टी के इस फैसले के बाद वो निर्दलीय ही मैदान में उतर गए और जीत हासिल की. इस जीत के बाद कांग्रेस ने उन्हें फिर से पार्टी में शामिल कर लिया और उसके बाद मेघवाल ने अपने सियासी सफर में कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.
राजस्थान सरकार में रहे मंत्री
भंवरलाल मेघवाल ने सुजानगढ़ विधानसभा क्षेत्र से साल 1980, 1990, 1998, 2008, 2018 में चुनाव लड़ा और जीतकर विधानसभा पहुंचे. मेघवाल राजस्थान सरकार में श्रम एवं रोजगार मंत्री, शिक्षा मंत्री भी रहे. कारागार विभाग, पंचायती राज विभाग और इंदिरा गांधी नहर मंत्री के तौर पर भी राजस्थान की सरकार में उन्होंने काम किया था. आपको बता दें कि मेघवाल काफी दबंग अंदाज वाले नेता रहे हैं जिसकी वजह से कई बार वो विवादित टिप्पणियों को लेकर चर्चाओं में रहे. साल 2018 में जनता ने उनको 38749 वोटों के भारी अंतर से जीत दिलाकर विधानसभा में भेजा.
बतौर स्कूली शिक्षक के रूप में की थी करियर की शुरुआत
भंवरलाल मेघवाल का जन्म 2 जुलाई 1948 को सुजानगढ़ तहसील के गांव बाघसरा पूर्वी में हुआ था. उनके पिता का नाम चुनीराम मेघवाल, माता का नाम रूक्मणी देवी था. मेघवाल की प्रारंभिक शिक्षा निकटवर्ती गांव खिंचीवाल के स्कूल से हुई. हायर सेकेंडरी तक पढ़ने के बाद 1968 में वो स्कूली शिक्षक बने और उसके बाद एसटीसी भी कर ली. साल 1970 से 1977 तक वो सुजानगढ़ के नया बास स्थित राजकीय झंवर स्कूल में अध्यापन का कार्य करते रहे. इसी दौरान वे मास्टर भंवरलाल मेघवाल के नाम से जाने जाने लगे.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Akshaya Tritiya 2024: 10 मई को चरम पर होंगे सोने-चांदी के रेट, ये है बड़ी वजह
-
Abrahamic Religion: दुनिया का सबसे नया धर्म अब्राहमी, जानें इसकी विशेषताएं और विवाद
-
Peeli Sarso Ke Totke: पीली सरसों के ये 5 टोटके आपको बनाएंगे मालामाल, आर्थिक तंगी होगी दूर
-
Maa Lakshmi Mantra: ये हैं मां लक्ष्मी के 5 चमत्कारी मंत्र, जपते ही सिद्ध हो जाते हैं सारे कार्य