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राजस्थान : देश के मुसलमानों को CAA से डरने की जरूरत नहीं : दरगाह दीवान

खान ने कहा, ‘‘केन्द्र सरकार ने जिस नागरिकता संशोधन विधेयक को पारित कर उसे क़ानूनी अमली जामे का रूप दिया है वह किसी भी तरह से इस देश के मुसलमानों के विरुद्ध नहीं है और इस क़ानून से भारत में रहने वाले किसी भी मुसलमान को डरने की ज़रूरत नहीं है.’’

Updated on: 19 Dec 2019, 07:00 PM

Jaipur:

अजमेर दरगाह के वंशानुगत सज्जादानशीन आध्यात्मिक प्रमुख दीवान सैयद जैनुल आबेदीन अली खान ने नागरिकता संशोधन कानून से उपजे विवाद पर कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम से मुसलमानों को डरने की जरूरत नहीं है, लेकिन जनभावनाओं और देश के मुसलमानों की भावनाओं का सम्मान करते हुए सरकार को एक उच्च स्तरीय समिति बनानी चाहिए ताकि लोगों की भ्रांतियों एवं डर दूर किया जा सके. खान ने कहा, ‘‘केन्द्र सरकार ने जिस नागरिकता संशोधन विधेयक को पारित कर उसे क़ानूनी अमली जामे का रूप दिया है वह किसी भी तरह से इस देश के मुसलमानों के विरुद्ध नहीं है और इस क़ानून से भारत में रहने वाले किसी भी मुसलमान को डरने की ज़रूरत नहीं है.’’

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उन्होंने यहां जारी एक बयान में कहा है, ‘‘जनभावनाओं और देश के मुसलमानों की भावनाओं का सम्मान करते हुए केन्द्र सरकार को एक उच्च स्तरीय समिति का गठन करना चाहिए.’’ उन्होंने कहा है, ‘‘यह समिति देश भर में लोगों से मिल कर उनकी बात सुने और इस कानून के बारे में उनके डर और शिकायतों को सुनकर एक तथ्यात्मक रिपोर्ट सरकार को दे.

सरकार उसे संसद में रखे और सब की भ्रांति और उन के डर को दूर करने के बाद ही इसे लागू किया जाए.’’ दरगाह दीवान ने जामिया मिल्लिया की घटना पर दुःख व्यक्त करते हुए केन्द्र सरकार से पुलिस को किसी भी शिक्षण संस्थान में बलप्रयोग नहीं करने के बारे में दिशा निर्देश जारी करने की अपील की. उन्होंने छात्रों से किसी भी स्थिति में क़ानून अपने हाथ में नहीं लेने की भी अपील की.