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अज़मेर में मुस्लिम महिलाओं ने हिजाब को लेकर आंदोलन की चेतावनी दी 

सैयदा तस्कीन चिश्ती ने बताया कि हिंदुस्तान के हुक्मरानो से ये बात कहना चाहती हूँ कि बार बार शरीयत में दख़ल ना दे पहले आप ट्रिपल तलाक का बिल लेकर आए फिर मस्जिदों में अज़ान को लेकर परेशानी होने लगी

Updated on: 13 Feb 2022, 08:45 PM

नई दिल्ली:

अज़मेर के दरगाह क्षेत्र में मुस्लिम समाज की महिलाओं ने हिजाब को लेकर एक बैठक आयोजित की. बैठक में मुस्लिम महिलाओं ने अपनी बात रखी और सरकार को शैतानी के तौर पर बताया कि अगर जल्द ही हिजाब को लेकर कोर्ट का फैसला नहीं आया तो मुस्लिम महिलाएं अजमेर की आंदोलन करेगी. सैयदा तस्कीन चिश्ती ने बताया कि हिंदुस्तान के हुक्मरानो से ये बात कहना चाहती हूँ कि बार बार शरीयत में दख़ल ना दे पहले आप ट्रिपल तलाक का बिल लेकर आए फिर मस्जिदों में अज़ान को लेकर परेशानी होने लगी. अब हिज़ाब को मुद्दा बनाकर मुस्लिम महिलाओं की भावनाओं के साथ खलने की कोशिश कर रहे है, हिजाब पहना तो हमारा धार्मिक और सवैधानिक अधिकारी हैं. भारत के सवैधानिक आर्टीकल 25A में अधिकार दिया गया है, कोर्ट के फैसले का इंतजार है जल्द ही फैसला नही आया तो हम आंदोलन करगे.

सैयदा आसमा चिश्ती ने कहा कि कर्नाटक में मुस्कान के साथ हुई घटना को किस लिए राजनीतिक मुद्दा बनाया जा रहा है पुराने जमाने से हिज़ाब  की परंपरा चली आ रही हैं मुस्लिम महिला इसको अपनी मर्ज़ी ना के किसी के दबाव में. कुछ लोग समाज में सिर्फ नफरत फैलाना चाहते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि धर्म को लेकर हिंदू-मुस्लिम को बांटने की कोशिश की जा रही है, जिसे कभी कामयाब नहीं होने दिया जाएगा. सैयदा तबसुम चिश्ती ने बताया कि स्कूल कॉलेज को लेकर मुस्लिम समाज की महिलाओं को निशाना बनाया जा रहा है आज स्कूल कॉलज में रोका जा रहा है कल बाज़ार में रोका टोका जाएगा. कर्नाटक में जिस तरह से हिजाब पहने हुए कॉलेज जाने वाली बहन के साथ बर्ताव किया गया, वह किसी भी सभ्य समाज के लिए बदनुमा दाग है.


सैयदा आफ़ताब ताज ने बताया कि मुस्लिम महिलाओं को हक़ है वो अपनी खुशी से हिज़ाब पहनती है राजस्थानी महिला घूंघट ड़ालती हैं जैन धर्म की महिला पूरे शरीर को ढक कर रखती हैं कई धर्म में महिला अपने अपने धर्मों के हिसाब से कपड़े पहनतीं हैं तो फिर सिर्फ़ मुस्लिम महिलाओं को हिज़ाब के लिये क्यों टोका जा रहा हैं .