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देश की प्रमुख दरगाहों से डेलिगेशन जाएगा कश्मीर, वहां के लोगों को देंगे ये संदेश

मुस्लिम धर्म गुरु और दरगाह दीवान सैयद जैनुअल अली खान ने गुरुवार को कश्मीर मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की है.

Updated on: 10 Oct 2019, 08:42 PM

अजमेर:

मुस्लिम धर्म गुरु और दरगाह दीवान सैयद जैनुअल अली खान ने गुरुवार को कश्मीर मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की है. उन्होंने मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि देश की प्रमुख दरगाहों के सज्जदनशीन के उत्तराधिकारियों के पुत्र कश्मीर में शांति का संदेश देंगे. 12 से 14 अक्टूबर तक कश्मीर के युवाओं को शांति का संदेश देंगे. सरकार द्वारा कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद वहां के मौजूदा हालात को देखते हुए अजमेर दरगाह दीवान सैयद जैनुअल अली आबेदीन खान की सदारत में देश की प्रमुख दरगाहों के सज्जदानशीन के उत्तराधिकारी कश्मीर के युवाओं को अमन शांति का संदेश देंगे. इस डेलिगेशन में सभी युवा शामिल रहेंगे.

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कश्मीर से आर्टिकल-370 हटाए जाने के बाद वहां के हालातों ओर कश्मीर में शांति बनाने को लेकर दरगाह दीवान ने आज प्रेसवार्ता की है. उन्होंने कहा कि सरकार ने आर्टिकल-370 को हटाने के बाद माहौल को खराब करने की कोशिश की जा रही है. वहां के लोग सुफिज्म को मानते हैं, वहां के युवाओं को पैगाम देना जरूरी है, जिसके लिए देश की प्रमुख दरगाहों यूपी बिहार, गुजरात, बिहार, मध्यप्रदेश तेलंगाना आदि के सज्जादानशीन है. इनकी निगरानी में एक डेलिगेशन रवाना किया जा रहा है.

उन्होंने आगे कहा, यह डेलिगेशन 12 अक्टूबर को जाएगा और 14 अक्टूबर तक वहीं रहेगा. वहां की दरगाहों में जाकर युवाओं को संबोधित करेंगे, ताकि बाहर के मुल्कों में जो गलतफहमी फैलाई जा रही है उसको दूर करेंगे. मुस्लिम लॉ यह कहता है कि कोई भी लड़की मुल्क के बाहर शादी करके जाने के बाद उसके हक को जो मुस्लिम कानून और कुरान देती है तो वो इन धाराओं के माध्यम से क्यों गलतफहमी कर रहे हो. इसको दूर करने के लिए 18 से 20 लोगों को डेलिगेशन साथ जाएगा. 

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डेलिगेशन में जा रहे अजमेर दरगाह के उत्तराधिकारी सैयद नसीरुद्दीन ने कहा कि कश्मीर में शांति कायम हो, मोहब्बत का पैगाम कारगर होगा, वहां के लोगों को हिंदुस्तान की मुख्य धारा में जोड़ना है. कश्मीर की लड़ाई का इस्लाम से कोई लेना-देना नहीं है. हम पाकिस्तान को करारा जवाब देना चाहते हैं. हम कश्मीरियों को मोहब्बत का संदेश देंगे आगे और भी काम करेंगे. इस डेलिगेशन में प्रमुख दरगाहों के सज्जदनशीन के उत्तराधिकारी जाएंगे, जिनमें सभी युवा हैं.