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कोटा से 6,000 से ज्यादा छात्र अपने-अपने घर हुए रवाना, जानें कैसे

राजस्थान के कोटा शहर में विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं, खास तौर से इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा के लिए पढ़ाई कर रहे उत्तर प्रदेश के छात्रों में से 6,000 से भी ज्यादा छात्र अपने घर रवाना हो गए हैं.

Updated on: 19 Apr 2020, 04:00 AM

कोटा/लखनऊ:

राजस्थान के कोटा शहर में विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं, खास तौर से इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा के लिए पढ़ाई कर रहे उत्तर प्रदेश के छात्रों में से 6,000 से भी ज्यादा छात्र मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा भेजी गयी बसों में सवार होकर अपने-अपने घरों के लिए रवाना हो गए हैं. अनुमान है कि कोटा में उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के करीब 8,000 छात्र परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं. कोटा के डिविजनल आयुक्त लक्ष्मी नारायण सोनी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के 6,000 से ज्यादा छात्रा कोटा से रवाना हो चुके हैं. उत्तर प्रदेश सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार देर रात कहा, ‘अभी तक कोटा से 108 बसों में सवार होकर 2,700 से ज्यादा छात्र झांसी पहुंच चुके हैं.’

उत्तर प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को 250 बसें कोटा भेजी थीं. उसका आकलन था कि शहर में प्रदेश के करीब 7,500 छात्र हैं, लेकिन यात्रा इंतजाम के बारे में सूचना मिलते ही तय तीन जगहों पर बड़ी संख्या में छात्र एकत्र हो गए. कुछ छात्रों के साथ उनके अभिभावक भी थे. अधिकारियों को अब लग रहा है कि घर आने के इच्छुक सभी छात्रों के लिए बसों की संख्या पर्याप्त नहीं है. लेकिन कोटा जन संपर्क विभाग के उपनिदेशक हरीओम गुर्जर ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने उन्हें आश्वासन दिया है कि कमी होने पर और वाहनों का इंतजाम होगा. अधिकारी ने बताया कि कोटा प्रशासन ने कोचिंग संस्थानों से प्राप्त सूचनाओं के आधार पर छात्रों की सूची तैयार की है, इसमें वे लोग शामिल नहीं हैं जो बिना किसी संस्थान में दाखिला लिए यहां पढ़ाई कर रहे हैं.

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इस पूरे अभियान की जिम्मेदारी उठा रहे अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश मिल ने बताया कि करीब 3,000 छात्रों को लेकर 100 बसें आज तड़के उत्तर प्रदेश के लिए रवाना हो गयीं. उन्होंने कहा कि सूची में बाकि बचे छात्रों को वापस भेजने की प्रक्रिया चल रही है. जो छात्र सूची में शामिल नहीं है, उनके संबंध में सवाल करने पर अधिकारी ने कोटा प्रशासन द्वारा और बसों का इंतजाम किए जाने में असमर्थता जतायी.

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उन्होंने कहा, ‘हमारे स्तर पर यह संभव नहीं है. संसाधन का इंतजाम वहां (उत्तर प्रदेश) से करना होगा, हम केवल सहयोग कर सकते हैं और छात्रों को वापस भेजने के दौरान सामाजिक मेलजोल से दूरी बना रखना सुनिश्चित कर सकते हैं.' राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा है कि अन्य राज्यों की सरकारों को भी ऐसा करना चाहिए.