राजस्थान में बन रहे हैं सूखे के हालात, सूखने की कगार पर है बीसलपुर बांध

राजस्थान का बीसलपुर बांध, जिससे जयपुर, अजमेर और टोंक सहित दौसा जिले के करीब 90 लाख लोगों की प्यास बुझती है. लेकिन इस बार मानसून में बारिश नहीं होने की वजह से अब इस बांध में कुछ ही दिन का पानी बचा है.

राजस्थान का बीसलपुर बांध, जिससे जयपुर, अजमेर और टोंक सहित दौसा जिले के करीब 90 लाख लोगों की प्यास बुझती है. लेकिन इस बार मानसून में बारिश नहीं होने की वजह से अब इस बांध में कुछ ही दिन का पानी बचा है.

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Vineeta Mandal
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राजस्थान में बन रहे हैं सूखे के हालात, सूखने की कगार पर है बीसलपुर बांध

राजस्थान में बन रहे हैं सूखे के हालात (सांकेतिक चित्र)

जहां एक तरफ बिहार और असम में बारिश ने तबाही मचा रखी है तो वहीं दूसरी तरफ राजस्थान में लोग पानी के लिए तरस रहे हैं. राजस्थान के 15 जिले ऐसे हैं जहां सामान्य से भी कम बारिश हुई है. नतीजन इन जगहों पर मौजूद तालाब और नदियां भी सूखने की कगार पर पहुंच चुका है. वहीं कई जिलों के नलकूप और तालाब में इतना ही पानी बचा है कि लोग कुछ ही दिन अपनी प्यास बुझा सकते हैं.

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राजस्थान का बीसलपुर बांध, जिससे जयपुर, अजमेर और टोंक सहित दौसा जिले के करीब 90 लाख लोगों की प्यास बुझती है. लेकिन इस बार मानसून में बारिश नहीं होने की वजह से अब इस बांध में कुछ ही दिन का पानी बचा है. बीसलपुर बांध की ये हालात देखने के बावजूद राजस्थान सरकार नींद में है. सरकार ने इस दिशा में अब तक कोई कदम नहीं उठाया न ही किसी भी तरह की तैयारी की है. अगर बारिश नहीं हुई तो तीन दिन में एकबार ही पानी मिलने के हालात पैदा हो जाएंगे.

बता दें कि 12 जिलों में 60% तक कम बारिश, बीकानेर व सिरोही में सूखे जैसी स्थिति पेयजल संकट से बचाने के लिए मानसून अकेली उम्मीद है. लेकिन 21 जुलाई तक के आंकड़ों के मुताबिक अभी 12 जिलों में सामान्य से 60% तक कम बारिश हुई है.

बीकानेर व सिरोही तो सूखे की चपेट में हैं. चित्तौड़गढ़, अजमेर, भीलवाड़ा, राजसमंद व उदयपुर में बारिश होने पर ही बीसलपुर बांध में पानी आता है. वहीं सिर्फ चित्तौड़गढ़ में ही ज्यादा बारिश हुई है बाकी जगह सामान्य पानी ही बरस पाया है.

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बीसलपुर बांध से जुड़े अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों में सप्लाई बंद कर दी है. वहीं राजनीतिक दखल वाले गांवों में दो दिन में एक बार पानी आ रहा है. अजमेर में तीन दिन व टोंक में दो दिन में एक बार पानी मिलता है. जयपुर में सप्लाई का समय कम करने या दो दिन में एक बार पानी सप्लाई का प्लान है. पाली में भी 4 दिन में एक बार पानी सप्लाई हो रही है.

वहीं पीएचईडी 25 जुलाई से यहां के लिए वॉटर ट्रेन चलाएगा, इससे रोज 100 लाख लीटर पानी मंगवाया जाएगा. इसके लिए 10.50 करोड़ रु. मंजूर किए गए हैं, 10 साल पहले भी यहां ऐसी ट्रेन चलानी पड़ी थी. पाली के लिए पानी सप्लाई करने वाले जवाई बांध में करीब 600 एमसीएफटी पानी शेष है.

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उधर, जलदाय विभाग भी अब नींद से जागा है. चीफ इंजीनियर ने फील्ड इंजीनियरों को बीसलपुर बांध से जुड़े जयपुर, अजमेर व टोंक में भी ट्यूबवेल खोदने व टैंकर से पानी सप्लाई का इमरजेंसी प्लान बनाकर भेजने को कहा है. लेकिन इस प्लान पर ही काम करने में ही 3 महीने तक का समय लगेा. यानी तीन चरणों में अगले मानसून तक प्लान बन पाएगा.

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