राजस्थान के उदयपुर जिले तेंदुएं आंतक दिन पर दिन बढ़ता जा रहा था, आए दिन यब आदमखोर जानवर किसी न किसी शख्स को अपना शिकार बना रहा था, ऐसे में शहर में डर का माहौल था, जिसके बाद तंग आकर फारेस्ट डीपार्टमेंट की टीम ने पुलिस के साथ संयुक्त कार्रवाई करते हुए तेंदुएं को मार गिराया. शुक्रवार को वन विभाग और पुलिस की टीम ने आदमखोर को गोली मारकर ढेर कर दिया. यह तेंदुआ अब तक 8 लोगों की जान ले चुका था, जिससे क्षेत्र में चिंता और दहशत फैल गई थी.
कई बार तेंदुए ने किया हमला
उदयपुर जिले में 18, 19, 20, 25, 28 और 30 सितंबर को तेंदुए द्वारा किए गए हमलों में मानव शिकार की घटनाएं हुई थीं. इन हमलों का स्थान ग्राम पंचायत छली, बगदुंडा, माजवद और मदर था. इस अवधि में तेंदुए ने कई लोगों पर जानलेवा हमले किए, जिसमें से एक महिला की इलाज के दौरान मौत हो गई. इस महिला पर तेंदुए ने बडगांव के मदर गांव में हमला किया था, जबकि वह खेत में काम कर रही थी.
तेंदुए के हमलों से 8 लोगों की मौत
प्रभागीय वन अधिकारी अजय चित्तोरा ने बताया कि मारा गया तेंदुआ एक वयस्क मेल था, जो आदमखोर बन चुका था. तेंदुए की पहचान करने के लिए नमूना परीक्षण रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है. चित्तोरा के अनुसार, यह तेंदुआ 18 सितंबर से लेकर अब तक 8 लोगों की मौत का कारण बना था, जिनमें से चार महिलाएं और एक 5 साल का बच्चा शामिल थे.
सुरक्षा उपाय और लोगों की चिंता
तेंदुए के हमलों से चिंतित वन अधिकारियों ने कई सुरक्षा उपाय किए. उन्होंने पिंजरे, कैमरे और जाल लगाकर तेंदुए को ट्रैक करने की कोशिश की. इसके लिए भारतीय सेना से भी मदद ली गई, जिसके बाद तीन अन्य तेंदुओं को अलग-अलग स्थानों से पकड़ा गया. फिर भी, तेंदुए के हमलों की श्रृंखला जारी रही, और 1 अक्टूबर को एक 55 वर्षीय महिला की मौत हो गई जब वह अपने घर के बाहर अपने पशुओं को चारा खिला रही थी.