राजस्थान में भी बन सकते हैं महाराष्ट्र जैसे हालात, जुबानी चक्रवात जारी
महाराष्ट्र के बाद अब राजस्थान की राजनीति में भी भूचाल आने के संकेत मिलने लगे हैं. इशारों ही इशारों में बात आगे बढ़ रही है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जब से सचिन पायलट को केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ मिलकर गुटबाजी करने की बात कही है.
highlights
- गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ मिलकर गुटबाजी करने की बात कही
- पायलट को ज़ुबानी चक्रवात तले फंसाने की फिराक में हैं.
नई दिल्ली:
महाराष्ट्र के बाद अब राजस्थान की राजनीति में भी भूचाल आने के संकेत मिलने लगे हैं. इशारों ही इशारों में बात आगे बढ़ रही है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जब से सचिन पायलट को केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ मिलकर गुटबाजी करने की बात कही है, तब से उनके समर्थित मंत्री भी बयानों की बारिश करने में लगे हैं. मानसून आने से पहले सियासत का मौसम गड़बड़ाने का अंदेशा जताया जा रहा है. राजस्थान में एक तरफ उमस है तो दूसरी तरफ सियासत का पारा भी न्यूनतम होने का नाम नहीं ले रहा है. मॉनसून के आने से पहले अशोक गहलोत की पायलट गर्जना के बाद बयानों की प्री मॉनसून बारिश जारी है. राजस्थान की राजनीति के मौसम में हमेशा पायलट का राजनैतिक यान गहलोत के पश्चिमी-विक्षोभ के आगे डगमगाता रहा है. नाकारा, निकम्मा जैसी शब्दों की बिजली पायलट पर बरसा चुके गहलोत फिर से पायलट को ज़ुबानी चक्रवात तले फंसाने की फिराक में हैं.
बहरहाल सीएम अशोक गहलोत की यह जुबानी गर्जना गजेंद्र सिंह शेखावत के बयानी बवंडर का नतीजा है जो चोमू में एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह ने गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि पायलट से चूक हुई है, नहीं तो राजस्थान में भी मध्यप्रदेश जैसे हालात होते.
शेखावत के इसी बयान ने राजनीति के मौसम को इतना प्रभावित किया कि गहलोत भी खामोश नहीं रह पाए गहलोत के बयान के बाद मंत्री भी उसी बायर में बहे. कैबिनेट मंत्री शांति धारीवाल ने तो यह तक कह डाला कि न सिर्फ सचिन पायलट ने गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ मिलकर प्रयास किया बल्कि हमने तो वह देखा भी कि किस तरह सरकार गिराने की साजिश रची गई.
सचिन पायलट के मुख्यमंत्री बनने की मौसमी भविष्यवाणियां करने वाले कांग्रेस के केंद्रीय नेता प्रमोद कृष्णन ने एक बार दोबारा बारिश से पहले और बाद की भविष्यवाणी है. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि सचिन पायलट ने नीलकंठ की तरह विश किया है, जिसका फल सावन में मिलेगा.
बयानों का चक्रवात घूमने लगा है लिहाजा उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने निशाना साधते हुए गहलोत और उनकी सरकार को आड़े हाथ लिया और कहा मैं पायलट के धैर्य का सम्मान करते हैं कि इतना कुछ कहने के बाद भी वह चुप बैठे रहे मुख्यमंत्री ने उन्हें नाकारा और निकम्मा भी भी कहा. राठौड़ ने यह कहते हुए इस मुद्दे को और हवा दे दी की राहुल गांधी ने जब से सचिन पायलट को बड़ा नेता कहते हुए प्रशंसा की है तब से अशोक गहलोत परेशान हैं. राठौड़ ने कहा की अगर सचिन पायलट में सरकार पर बिजली गिराने का प्रयास किया तो फिर गहलोत उनके खिलाफ कार्यवाही करने से क्यों डरते हैं ? वही नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने भी पायलट और गहलोत संबंधों को लेकर सरकार पर जमकर तंज कसे हैं.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Akshaya Tritiya 2024: अक्षय तृतीया के दिन शुभ मुहूर्त में खरीदें सोना-चांदी, भग्योदय होने में नहीं लगेगा समय
-
Hinduism Future: पूरी दुनिया पर लहरायगा हिंदू धर्म का पताका, क्या है सनातन धर्म की भविष्यवाणी
-
Sanatan Dharma: सनातन धर्म की बड़ी भविष्यवाणी- 100 साल बाद यह होगा हिंदू धर्म का भविष्य
-
Aaj Ka Panchang 25 April 2024: क्या है 25 अप्रैल 2024 का पंचांग, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहु काल का समय