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Barmer Result Live Update: कैलाश चौधरी ने मानवेंद्र सिंह को हराया

राजस्थान की बाड़मेर लोकसभा सीट (Barmer Lok Sabha Seat) पर भी वीआईपी कैंटिडेट चुनाव लड़ रहे हैं. बाड़मेर सीट से बीजेपी के कैलाश चौधरी, कांग्रेस के मानवेंद्र सिंह और BMUP से रमेश कुमार मैदान में हैं.

Updated on: 23 May 2019, 12:23 AM

नई दिल्ली:

Barmer Lok Sabha Election Result Live Update

राजस्थान की बाड़मेर लोकसभा सीट (Barmer Lok Sabha Seat) पर भी वीआईपी कैंटिडेट चुनाव लड़ रहे हैं. बाड़मेर सीट से बीजेपी के कैलाश चौधरी, कांग्रेस के मानवेंद्र सिंह और BMUP से रमेश कुमार मैदान में हैं. 2014 में मोदी लहर पर सवार होकर कर्नल सोनाराम चौधरी संसद पहुंचे थे. उन्हें 488747 वोट मिले थे. उन्होंने जसवंत सिंह को 87461 वोटों से हराया था.

2014 में कुल 72.56 प्रतिशत वोट पड़े थे. हालांकि भाजपा ने 2019 में कर्नल का टिकट काट दिया. जिसके बाद उनके बगावती तेवर देखने को मिला. उन्होंने यहां तक कहा कि बीजेपी ने कैलाश चौधरी जैसे कमजोर उम्मीद्वार को जिताया है. बाड़मेर भारत का सबसे ज्यादा तेल और कोयला उत्पादक शहर है.

बाड़मेरी की स्थापना बहाड़ राव ने 13वीं शताब्दी में की थी. उन्हीं के नाम पर इस शहर को बाड़मेर बुलाया जाता है. इसका मतलब है बार का पहाड़ी किला. मार्च में बाड़मेर उत्सव मनाया जाता है. लेकिन जो उम्मीद्वार जीतेगा उसके लिए आज ही बाड़मेर उत्सव होगा. हालांकि वीआईपी सीटों के एग्जिट पोल देख कर लगता है कि बाड़मेर सीट कांग्रेस के खाते में जा सकती है.

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बाड़मेर में बीजेपी के कैलाश चौधरी ने कांग्रेस के मानवेंद्र सिंह को 321189 वोटों से हराया है.

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अब तक मिले रुझानों के मुताबिक एनडीए को 342 सीटें, यूपीए को 86 सीटें, सपा-बसपा गठबंधन को 20 और अन्य को 91 सीटों पर बढ़त हासिल है. इस हिसाब से पीएम मोदी एक बार फिर प्रधानमंत्री बन सकते हैं.

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बाड़मेर सीट से बीजेपी के कैलाश चौधरी 25 हजार वोटों से आगे हैं।

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एक राउंड की गणना में लगता है इतना समय


प्रत्‍येक विधान सभा क्षेत्र के लिए एक साथ 14 ईवीएम की गिनती एक साथ होती है. अमूमन हर दौर में 30 से 45 मिनट का समय लगता है. मतगणना टेबल के चारों ओर पार्टियों या उम्मीदवारों के एजेंट पैनी निगाह रखे रहते हैं. उनके लिए भी मतगणना अधिकारी तय फार्म 17 सी का अंतिम हिस्सा भरवाते हैं. फॉर्म 17 सी का पहला हिस्सा मतदान के पोलिंग एजेंट की मौजूदगी और दस्तखत के साथ पोलिंग प्रक्रिया शुरू करते समय भरा जाता है. मतगणना के समय आखिरी हिस्सा भरा जाता है.

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गिनती शुरू करने की क्या है नियमावली


पोस्टल बैलेट बाद इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसफरेबल पोस्टल बैलेट (ETPBS) भी अगर आए हों तो उनकी गिनती होती है. इन पर QR कोड होता है. उसके जरिए गिनती होती है. आयोग की नियमावली के मुताबिक पोस्टल बैलेट और ईटीपीबीएस की गिनती पूरी होने के आधा घंटा बाद ईवीएम में दिए गए मतों की गिनती शुरू होती है. इसके लिए हरेक विधान सभा इलाके के हिसाब से सेंटर में 14 टेबल लगाए जाते हैं.

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7:45 बजे से शुरू होगी काउंटिंग


सुबह 7:45 से मतों की गणनाशुरू हो जाती है. सरकारी ड्यूटी में तैनात कर्मचारियों द्वारा पोस्टल बैलेट के जरिए डाले गए वोटों की गिनती पहले होती है. सेना के कर्मचारियों को भी पोस्टल बैलेट से मतदान का अधिकार है. पोस्टल बैलेट के लिए चार टेबल तय होते हैं. सभी राजनीतिक दलों या उम्मीदवारों के नुमाइंदे इस गणना के गवाह होते हैं. हरेक टेबल पर मतगणना कर्मचारी को हरेक राउंड के लिए पांच सौ से ज्यादा बैलेट पेपर नहीं दिए जाते हैं.

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ये करते हैं वोटों की गिनती


Counting से पहले किसी भी अधिकारी-कर्मचारी को यह नहीं बताया जाता है कि उसे किस सेंटर पर भेजा जाएगा. काउंटिंग के दिन इन कर्मचारियों को सुबह 5 बजे काउंटिंग टेबल पर बैठना होता है. हर काउंटिंग टेबल पर काउंटिंग सुपरवाइजर, असिस्टेंट व माइक्रो पर्यवेक्षक होता है. इसके बाद इनके टेबल पर बैलेट यूनिट रखी जाती हैं. टेबल के चारों ओर जाली की घेराबंदी भी की जाती है.


मतगणना में सरकारी विभागों में कार्यरत केंद्रीय और राज्य सरकार के कर्मचारी शामिल होते हैं. इन्‍हें एक हफ्ते पहले काउंटिंग सेंटर पर ट्रेनिंग दी जाती है. ट्रेनिंग में जिला निर्वाचन अधिकारी और चुनाव से संबंधित जिले के वे अधिकारी शामिल होते हैं जिनकी ड्यूटी चुनाव में लगी है. काउंटिंग से एक दिन पहले ट्रेंनिंग देने बाद उन्हें संबंधित संसदीय क्षेत्र में 24 घंटे के लिए भेज जाता है.