ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) के समर्थक 19 विधायकों के इस्तीफा दे देने से मध्यप्रदेश (Madhya pradesh) की कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के गिरने के कगार पर चले जाने पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सिंधिया पर लोगों और विचारधारा के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाया. गहलोत ने अपने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, 'ऐसे नेताओं के बारे में क्या कहा जाए, जिन्होंने अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा के कारण राष्ट्रीय संकट के समय बीजेपी से हाथ मिला लिया. खासकर ऐसे समय में, जब भाजपा अर्थव्यवस्था, लोकतांत्रिक संस्थाओं, सामाजिक तानेबाने और न्यायपालिका तक को ध्वस्त कर रही है.'
गहलोत ने दूसरे ट्वीट में कहा, 'सिंधिया ने लोगों और विचारधारा के साथ विश्वासघात किया. ऐसे लोगों ने साबित कर दिया कि वे सत्ता के बगैर नहीं रह सकते. देर-सवेर यह तो होना ही था.'
गहलोत ने ये टिप्पणियां तब की, जब सिंधिया पार्टी से इस्तीफा देने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से मिले.
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'कांग्रेस के साथ जुड़कर लोगों की सेवा करने में असमर्थ हूं'
इससे पहले, सोनिया गांधी को भेजे अपने इस्तीफे में सिंधिया ने लिखा, '..जैसा कि आप अच्छी तरह जानती हैं, यह रास्ता पिछले साल अपने आप ही बन चुका था.' आगे उन्होंने जोड़ा कि वह कांग्रेस का हिस्सा बनकर लोगों की 'सेवा' करने में 'असमर्थ' हैं.
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22 कांग्रेस विधायकों ने दिया इस्तीफा
सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने के साथ कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे का सिलसिला भी शुरू हो चुका है. अब तक सिंधिया समर्थक 22 कांग्रेस विधायक विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति को इस्तीफा सौंप चुके हैं। वे कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे चुके हैं.