जयपुर पुलिस ने फर्जी साइबर पुलिसकर्मी बनकर अपहरण करने वाले गैंग के मुख्य सरगना समेत उसके दो साथियों को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपियों के कब्जे से फर्जी इनकम टैक्स,जीएसटी और नेशनल एंटीकरप्शन ग्रुप के अधिकारी के आईकार्ड, फर्जी शील मोहर, लेटर पैड बरामद किए हैं. गिरोह ने जयपुर समेत 10 शहरों में ठगी की वारदातें की हैं. पूछताछ में और भी वारदातें खुलने की उम्मीद हैं.मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आरोपी सुशील कुमार मीणा,आलोक कुमार मीणा और धीरज कुमार मीणा जयपुर के प्रतापनगर में रहते हैं.
बाईपास में किराए में रहकर पढ़ाई कर रहा
आरोपियों के द्वारा पुलिसकर्मी बनकर साइबर ठगी की वारदातें करने की जानकारी जयपुर पुलिस को मिली थी. पीड़ित भोला मीणा निवासी मलारना डूंगर सवाई माधोपुर ने 23 फरवरी को रिपोर्ट दर्ज करवाई कि उनका बेटा रामवतार मीणा त्रिवेणी नगर गोपालपुरा बाईपास में किराए में रहकर पढ़ाई कर रहा है. 22 फरवरी की शाम को तीन युवक आए उन्होंने खुद को दिल्ली साइबर थाने का पुलिसकर्मी बताया और उठाकर कार में गए. देर रात करीब 11:30 बजे उनके पास फोन आया. इसमें बेटे की ओर से साइबर ठगी की वारदात बताया गया.
10 लाख रुपए की मांग की गई
बेटे को गिरफ्तार नहीं करने की बात कहकर 10 लाख रुपए की मांग की गई. इस दौरान बेटे से मारपीट की. रुपए नहीं होना सामने आया तो आगरा रोड पर कानोता के पास मारपीट कर मोबाइल से 23 हजार रुपए ट्रांसफर करवा लिए. इसके बाद बेटे के दोनों मोबाइल छीनकर वापस शिवदासपुरा के पास टोंक रोड पर छोड़ कर चले गए गए थे. सीसीटीवी फुटेज की मदद से पुलिस ने दबिश देकर आरोपियों को दबोच लिया है.
तीनों आरोपी मिलकर शहर की भीड़भाड़ वाली जगहों खुद को इनकम टैक्स अधिकारी और साइबर पुलिस अधिकारी बताते थे और लोगों की रैकी कर पीछा करते हुए मौका देखकर युवकों को उठाकर अपनी कार में बैठा लेते थे. इसके बाद सुनसान जगह पर ले जाकर पीड़ित के फोन से ही उसके घर वालों से बात करते. खुद को पुलिस कर्मी बताकर पीड़ित को साइबर ठगी के आरोप में जेल भेजने के नाम पर रुपए मंगवाते थे.