राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने रविवार को कहा कि परिवार प्रबोधन, गो सेवा, सामाजिक समरसता, ग्राम विकास तथा पर्यावरण संरक्षण जैसे विषयों पर ध्यान दिया जाना चाहिए. उन्होंने संगठन की गतिविधि श्रेणी के प्रांतीय कार्यकर्ताओं से अनौपचारिक संवाद करते हुए कहा कि परिवार प्रबोधन गतिविधि में परस्पर संवाद बढ़ाया जाए और परिवार में साप्ताहिक बैठकें शुरु हों. प्रत्येक परिवार में सामाजिक समरसता के अन्तर्गत सहजता से एक-दूसरे के यहाँ आना जाना होना चाहिए. दो दिवसीय जयपुर प्रवास पर आए सरसंघचालक ने रविवार को दो सत्रों में गतिविधि प्रमुखों से संवाद किया.
एक बयान के अनुसार भागवत ने कोरोना वायरस महामारी की कठिन परिस्थितियों में काम करने के स्वयंसेवकों के अनुभव सुने तथा समाज के वंचित व अभावग्रस्त लोगों के लिए चलाए गए कार्यों की जानकारी ली. उन्होंने कहा कि किसी भी गतिविधि का काम समाज में नया नहीं है, अपनी रुचि-प्रकृति के अनुसार पहले से कुछ लोग कर रहे हैं. ऐसे लोगों, संस्थाओं को साथ लेकर इसमें तीव्रता लाने का व्यवस्थित प्रयत्न किया जा रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि स्वयंसेवक ऐसी सकारात्मक गतिविधियों के माध्यम से भारत के सही समाचार पहुँचाकर राष्ट्र विरोधियों का खेल बंद करने में सक्रिय भूमिका निभाएं.
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