'पापा के कातिलों को चुन-चुन कर मारूंगी', शरीद सुरेंद्र को अंतिम बिदाई देते हुए बेटी ने ली सौगंध

शहीद की बेटी वृत्तिका का आत्मविश्वास और संकल्प पूरे देश को भावुक कर गया. उसने दृढ़ता से कहा, “मैं बड़ी होकर आर्मी में शामिल होऊंगी और पापा की मौत का बदला लूंगी. चुन-चुन कर पापा के कातिलों को मारूंगी.”

शहीद की बेटी वृत्तिका का आत्मविश्वास और संकल्प पूरे देश को भावुक कर गया. उसने दृढ़ता से कहा, “मैं बड़ी होकर आर्मी में शामिल होऊंगी और पापा की मौत का बदला लूंगी. चुन-चुन कर पापा के कातिलों को मारूंगी.”

author-image
Dheeraj Sharma
New Update
martyr Surendra Daughter take sworn

Rajasthan: राजस्थान के झुंझुनूं जिले उस वक्त हर किसी की आंखें नम हो गईं जब शहीद सुरेंद्र सिंह को अंतिम बिदाई दी गई.  मेहरादासी गांव के लाल, एयरफोर्स में असिस्टेंट मेडिकल सार्जेंट सुरेंद्र कुमार 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान पाकिस्तान के हमले में वीरगति को प्राप्त हुए.  इस दु:खद घटना ने न सिर्फ उनके परिवार बल्कि पूरे देश को झकझोर दिया. सुरेंद्र कुमार की शहादत ने यह साबित कर दिया कि झुंझुनूं वीरों की धरती है, जो हर बार देश पर आने वाले संकट में अपने सपूतों को समर्पित करती है. 

Advertisment

गांव में उमड़ा जनसैलाब, गूंजा 'भारत माता की जय'

जब शहीद की पार्थिव देह उनके पैतृक गांव पहुंची, तो हर गली, हर चौक “भारत माता की जय” और “सुरेंद्र कुमार अमर रहें” के नारों से गूंज उठा. जयपुर से पहुंची सैन्य टुकड़ी ने उन्हें ससम्मान अंतिम सलामी दी. दोपहर 12 बजे मंडावा से शुरू हुई तिरंगा यात्रा गांव की हर गली से होकर गुजरी, जहां हजारों लोगों ने पुष्पवर्षा कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की.

परिवार की पीड़ा और बेटी का संकल्प

शहीद की पत्नी सीमा का करूण क्रंदन देखकर हर आंख नम हो गईं. वे अपने पति को झकझोरकर उठाने की कोशिश करती रहीं, मानो यकीन ही नहीं हो रहा हो कि उनका साथी अब कभी वापस नहीं आएगा. वहीं शहीद की बेटी वृत्तिका का आत्मविश्वास और संकल्प पूरे देश को भावुक कर गया. उसने दृढ़ता से कहा, “मैं बड़ी होकर आर्मी में शामिल होऊंगी और पापा की मौत का बदला लूंगी. चुन-चुन कर पापा के कातिलों को मारूंगी.” इस नन्ही बेटी की दृढ़ता में आने वाले भारत की झलक साफ नजर आई.

नेताओं और प्रशासन की मौजूदगी में अंतिम विदाई

वहीं राज्य के उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा, सैनिक कल्याण मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़, सांसद, विधायक, जिला प्रशासन और हजारों ग्रामीणों ने सुरेंद्र कुमार को अंतिम विदाई दी. मुख्यमंत्री सहायता कोष से उनकी पत्नी को 5 लाख रुपए की आर्थिक सहायता भी प्रदान की गई. यह न केवल शोक का क्षण था, बल्कि पूरे राष्ट्र के लिए गर्व का क्षण भी था.

शहादत बनी प्रेरणा, देश सेवा सर्वोपरि

सुरेंद्र कुमार की शहादत उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो देश सेवा का सपना देखते हैं. उन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर यह संदेश दिया कि मातृभूमि की रक्षा से बढ़कर कोई धर्म नहीं. उनका बलिदान सदैव स्मरणीय रहेगा और आने वाली पीढ़ियों को साहस, समर्पण और देशभक्ति की प्रेरणा देता रहेगा. 

यह भी पढ़ें - पाकिस्तान को गोली का जवाब गोले से मिलेगा, पीएम मोदी ने अमेरिका से कह दी दो टूक

india pakistan tension India-Pakistan conflict tension Operation Sindoor Sergeant Surendra Moga Surendra Moga Daughter Vartika
      
Advertisment