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राजस्थान में खिलाड़ियों के साथ शर्मनाक बर्ताव, एक ही कमरे में 30-30 लोगों को भेड़-बकरियों की तरह ठूंसा

नेशनल चैम्पियनशिप में हिस्सा लेने आए इन साइक्लिस्ट्स के लिए कमरों में किसी प्रकार का कोई बेड नहीं बल्कि पतले-पतले गद्दे बिछा दिए गए हैं.

Updated on: 30 Jan 2019, 02:55 PM

जयपुर:

राजस्थान की राजधानी जयपुर के एसएमएस स्टेडियम में बुधवार से नेशनल साइक्लिंग चैंपियनशिप शुरू हो गई है. इसके लिए 22 राज्यों की टीमें चैंपियनशिप में हिस्सा लेने के लिए जयपुर पहुंच भी गई हैं. इस चैंपियनशिप में करीब 600 खिलाड़ी भाग ले रहे हैं, जिनमें 150 महिला खिलाड़ी भी शामिल हैं. 200 खिलाड़ियों को एसएमएस स्टेडियम में साइक्लिंग ट्रैक के नीचे बने वेलोड्रम में रुकवाया गया है. हैरानी की बात ये है कि एक-एक कमरे में करीब 20-30 खिलाड़ियों को ठहराया गया है.

नेशनल चैम्पियनशिप में हिस्सा लेने आए इन साइक्लिस्ट्स के लिए कमरों में किसी प्रकार का कोई बेड नहीं बल्कि पतले-पतले गद्दे बिछा दिए गए हैं. इतना ही नहीं खिलाड़ियों को अपनी साईकिल रखने के लिए कोई जगह भी नहीं दी गई है. खिलाड़ी जहां ठहरे हुए हैं, उन्होंने उसी जगह अपनी साइकिल भी खड़ी कर रखी हैं. चैंपियनशिप में हिस्सा लेने आए कई राज्यों के खिलाड़ियों ने यहां हो रही अव्यवस्था की शिकायत भी की है.

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महाराष्ट्र टीम को 33 नंबर कमरे में ठहराया गया है. इस कमरे में 22 खिलाड़ी ठहरे हैं, जिनमें कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मेडलिस्ट भी शामिल हैं. हॉलनुमा इस कमरे में सिर्फ और सिर्फ एक ट्यूबलाइट लगी है, जिसकी रोशनी भी न के बराबर ही है. पूरे कमरे में जगह-जगह सीलन है. जयपुर में पड़ रही कड़ाके की ठंड के बावजूद नहाने के लिए इन साइक्लिस्ट को गर्म पानी तक उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है.

राजस्थान के 30 साइक्लिस्ट्स को भी एक ही कमरे में ठहराया गया है. इस बारे में कई खिलाड़ियों ने शिकायत की है, लेकिन यह भी कहा है कि जयपुर में पहली बार चैंपियनशिप हो रही है. धीरे-धीरे स्थितियों में सुधार लाया जाएगा. राजस्थान में इस तरह की सुविधाओं से खिलाड़ी आखिर कैसे खुश हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि चीजें और बेहतर की जा सकती थीं, हमें शिकायत करने की इजाजत नहीं है. यहां हमें जैसी भी सुविधाएं मिल रही हैं उन्हीं में एडजस्ट कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि पटियाला में नेशनल कैंप में बेहतरीन सुविधाएं मिलती हैं. वहां के मुकाबले यहां 10 प्रतिशत भी सुविधा नहीं है. वेलोड्रम के नीचे बने बाथरूम की हालत भी खराब है. पानी की सप्लाई पूरी तरह से नहीं होने के कारण गंदगी फैली हुई थी.

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महाराष्ट्र की लड़कियों की टीम के कमरे में अटैच टॉयलेट तक नहीं है. छह महिला साइक्लिस्ट महाराष्ट्र से आई हैं. इनकी शिकायत है यदि हमें रात को बाथरूम जाना पड़े तो हमें कम से 60-70 कदम चल कर बाथरूम में जाना पड़ेगा. वेलोड्रम के नीचे बने इन कमरों में स्पोर्ट्स काउंसिल के चपरासी, गार्ड, ड्राइवर रहते थे. कई कमरों में तो ठेकेदारों का सामान भरा पड़ा था। आनन-फानन में इन कमरों को खाली कराया गया। सफाई भी ढंग से नहीं हुई और एक-एक कमरे में 20-20, 30-30 खिलाड़ियों को भेड़-बकरियों की तरह ठूंस दिया गया.