जैसलमेर बार्डर पर पाकिस्तान ने किया ये बड़ा हमला, जानें कैसे
राजस्थान के जैसलमेर में अब तक जितने टिड्डी दलों को स्प्रे करके मारा गया है उनसे कई गुना ज्यादा टिड्डी दल आने की तैयारी में है.
नई दिल्ली:
राजस्थान के जैसलमेर में अब तक जितने टिड्डी दलों को स्प्रे करके मारा गया है उनसे कई गुना ज्यादा टिड्डी दल आने की तैयारी में है. इतना ही नहीं प्रजनन के बाद छोटी टिड्डियां (फाका) बॉर्डर पर घुसपैठ कर रही है. फाका दल उड़ नहीं सकते हैं. ऐसे में वे तारबंदी के नीचे से भारतीय सीमा में प्रवेश कर रहे हैं. पाक के रहिमयारखान जिले से इनकी आवक हो रही है. टिड्डी दलों के हमले हुए हैं. वे सब फाका दल थे और उड़कर नहीं बल्कि तारबंदी के नीचे से भारतीय सीमा में आए हैं. म्याजलार, पोछीना, नाचना, भारेवाला व नहरी क्षेत्र में बड़ी संख्या में टिड्डी दलों ने हमला किया है. इसे लेकर सीएम अशोक गहलोत तक चिंता जाता चुके हैं.
यह भी पढ़ेंःप्यार में फेल छात्र ने मौत को लगा लिया गले, अपनी डायरी में लिखी थी ये बात
इस बार जैसलमेर जिले में टिड्डी दल का हमला जारी है. ईरान व पाकिस्तान में टिड्डी दलों के नियंत्रण पर कदम नहीं उठाए गए. इसकी वजह वहां पर फसलों को नुकसान हो रहा है. इतना ही नहीं ईरान व पाकिस्तान में बड़ी संख्या में टिड्डी दलों का प्रजनन हुआ है. धीरे-धीरे ये फाका भारतीय सीमा में आ रहा है. प्रजनन के बाद नियंत्रण नहीं होने से अब जैसलमेर से लगती सीमा में प्रवेश करेगी. किसानों के लिए मुश्किल यह है कि आगामी एक माह से अधिक समय से पहले टिड्डियों पर नियंत्रण संभव नहीं है. जिस स्पीड से इनके आने का सिलसिला चल रहा है और जिस तादाद में पाकिस्तान में देखी जा रही है उससे यही अंदाजा लगाया जा रहा है कि किसानों की फसलों को भारी नुकसान होने वाला है. जानकार यह भी बताते हैं कि अक्टूबर में भी प्रजनन हो सकता है. यदि ऐसा होता है तो समस्या बहुत बड़ी होगी. विभाग 21 मई से लगातार टिड्डी दलों पर नियंत्रण का प्रयास कर रहा है. इस पर करोड़ों रुपये खर्च भी किए जा चुके हैं.
जिला कलेक्टर जैसलमेर नामित मेहता ने कहा कि 21 मई को जैसलमेर में पहला टिड्डी दल देखा गया था. इसके बाद धीरे-धीरे इनकी संख्या बढ़ती गई. इतना ही नहीं यहां पर प्रजनन भी हो गया. बार-बार यही कहा जाता रहा है कि जरूरत पड़ने पर हवाई स्प्रे किया जाएगा, लेकिन चार माह बीत चुके हैं और करोड़ों टिड्डियां हमला कर चुकी हैं. हवाई स्प्रे अब तक नहीं किया गया है. फिलहाल जैसलमेर के अधिकांश सीमावर्ती इलाके में और बीकानेर के गजेवाला में टिड्डी दलों के हमले हो रहे हैं. ऐसे में राजस्थान भर के सारे संसाधन यहीं पर लगा दिए गए हैं. दर्जनों टीमें तैनात है और कंट्रोल का प्रयास किया जा रहा है. सीमावर्ती इलाके में 5 अलग से कैंप लगाए जा रहे हैं.
यह भी पढ़ेंःHappy Birthday PM: इन मौकों पर मां का आशीर्वाद लेना नहीं भूले पीएम नरेंद्र मोदी
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी इसे लेकर चिंता जताई है. गहलोत ने कहा कि टिड्डी दल पाकिस्तान की तरफ से आता है और फसल पर हमला करता है, फसल नष्ट हो जाती है. अभी जैसलमेर जिले में टिड्डी दल ने हमला किया है. सरकार ने अधिकारियों से कहा कि वे केंद्र सरकार के संपर्क में रहें, क्योंकि केंद्र सरकार ही आगे आकर जो कदम उठाने पड़ते हैं उठाती है. पहले भी ऐसे हमले हुए हैं, तो केंद्र सरकार आगे आई है. वहीं टिड्डी दल के हमले के पर सीएम गहलोत ने कहा कि सरकार इस मामले को बहुत गंभीरता से ले रही है, हालांकि मानसून इस बार लेट पहुंचा है, लेकिन इसके बावजूद हर जगह पर अच्छी बरसात हुई है.
उन्होंने आगे कहा, टिड्डी को लेकर सरकार बहुत सजग है. टिड्डी पर रोकथाम के लिए प्रशासन को निर्देश दिए जा चुके हैं. इसके साथ ही प्रशासन को संपूर्ण संसाधन जुटाकर प्राथमिकता से टिड्डी दलों पर नियंत्रण के लिए निर्देश दिए जा चुके हैं. सरकार इस मामले में पूरी तरह से प्रयासरत है. जल्द ही इस क्षेत्र के टिड्डी दलों के आतंक से मुक्त कर दिया जाएगा. सीएम अशोक गहलोत ने आगे कहा, पश्चिमी राजस्थान में टिड्डियों के कहर को लेकर गुरुवार को पाकिस्तान में संयुक्त राष्ट्र की मौजूदगी में भारत-पाकिस्तान के अधिकारियों की बैठक होगी, जिसमें टिड्डियों पर नियंत्रण के प्रयासों पर चर्चा की जाएगी. इसमें FAO के प्रतिनिधि व विश्व में मरुस्थलीय टिड्डी के विशेषज्ञ कीथ क्रिसमेन शामिल होंगे. पाकिस्तान के खोखरापार में कल आयोजित होने वाली बैठक में भारत के प्लांट प्रोटक्शन निदेशक राजेश मलिक भी हिस्सा लेंगे.
यह भी पढ़ेंःलोगों पर जारी है Dream Girl का जादू, पांचवें दिन भी कमाई शानदार
गौरतलब है कि एएफओ की ओर से 13 सितंबर को जारी ताजा बुलेटिन के अनुसार पूरे विश्व में भारत के पश्चिमी राजस्थान में टिड्डी दल का प्रकोप अधिक है. छोटे टिड्डी दल के अलावा वयस्क, होपर्स की भरमार है. पाकिस्तान के कुछ ही क्षेत्र में टिड्डी बची है. यमन में ही हालत खस्ता है. अफ्रीका में फिर से टिड्डी की समर ब्रीडिंग होने से वहां भी टिड्डी वापस आ गई है. सऊदी अरब के लाल सागर के हिस्से में, सूडान के अधिकांश हिस्से, इरिट्रिया, इथोपिया, सोमालिया, माली, चाड, अलजरिया और ईरान में टिड्डी है. इथोपियाऔर जिबूती में टिड्डी पर ऐरक्राफ्ट से स्प्रे किया जा रहा है.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Kamada Ekadashi 2024: कामदा एकादशी से पहले जरूर करें 10 बार स्नान, सफलता मिलने में नहीं लगेगा समय
-
Mangal Gochar 2024: मंगल के गोचर से इस राशि को मिलेगी अचानक नई नौकरी, जानें अपनी राशि का हाल
-
Kamada Ekadashi 2024: कामदा एकादशी के दिन इस पेड़ की पूजा करने से हर मनोकामना होती है पूरी
-
Chanakya Niti For Success: चाणक्य की ये 10 बातें गांठ बांध लें जीवन में सफलता चूमेगी आपके कदम