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राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot)( Photo Credit : फाइल फोटो)
राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार से पहले एक बार फिर जुबानी जंग शुरू हो गई है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि राजस्थान में एक बार फिर से सरकार गिराने का खेल शुरू होने वाला है. महाराष्ट्र में सरकार गिराने की भी चर्चाएं चल रही हैं. इस पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि राजस्थान में अशोक गहलोत अपनी सरकार की असफलता का ठीकरा फिर से भाजपा पर फोड़ रहे हैं.
मुख्यमंत्री गहलोत के सरकार गिराने की साजिश वाले बयान पर गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि विफल नेतृत्व के बोझ तले दबी कांग्रेस, राजस्थान में अपनी सरकार की असफलता का ठीकरा फिर से भाजपा पर फोड़ रही है. गहलोत जी, आपके वक्तव्य आंतरिक संघर्ष और गुटबाजी से जूझ रही आपकी ही पार्टी की हालत बता रहें हैं. कृपया अपने संगठन पर ध्यान दीजिए!. वहीं, इससे पहले नेता प्रतिपक्ष भाजपा गुलाबचंद कटारिया ने कहा था कि गहलोत सरकार में विधायक असंतुष्ट हैं. लावा तो फूटेगा ही.
विफल नेतृत्व के बोझ तले दबी कांग्रेस, राजस्थान में अपनी सरकार की असफलता का ठीकरा फिर से भाजपा पर फोड़ रही है।
गहलोत जी, आपके वक्तव्य आंतरिक संघर्ष और गुटबाजी से जूझ रही आपकी ही पार्टी की हालत बता रहें हैं।
कृपया अपने संगठन पर ध्यान दीजिए!#Rajasthan
— Gajendra Singh Shekhawat (@gssjodhpur) December 6, 2020
आपको बता दें कि कांग्रेस नेता और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि इससे पहले बीजेपी की ओर से सरकार गिराने की कोशिश के गवाह कांग्रेस नेता अजय माकन रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि राजस्थान में इस कार्यक्रम में कांग्रेस के प्रभारी अजय माकन भी जुड़े हुए थे. इस घटना के दौरान होटल में 34 दिन तक अजय माकन हमारे विधायकों के साथ रहे थे.
उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह पर आरोप लगाया कि हमारे विधायकों को बैठाकर चाय-नमकीन खिला रहे थे और बता रहे थे कि 5 सरकार गिरा दी है और छठी भी गिराने वाले हैं. उनका मनोबल बढ़ाने के लिए धर्मेंद्र प्रधान जजों से बातचीत करने की बातें कर रहे थे. गहलोत ने आगे कहा कि अमित शाह ने करीब एक घंटे तक हमारे विधायकों से मुलाकात की थी. शाह ने ही पांचवीं के बाद छठी सरकार गिरा देने की बात कही थी.
राजस्थान सीएम ने आगे कहा कि इस पूरी घटनाक्रम के दौरान कांग्रेस नेता अजय माकन, रणदीप सुरजेवाला, अविनाश पांडे यहां आकर बैठ गए थे. इन्होंने नेताओं को बर्खास्त करने का फैसला किया तो तब सरकार बची. राजस्थान की जनता चाहती थी कि किसी भी हाल में सरकार गिरनी नहीं चाहिए. कांग्रेस विधायकों को प्रदेश के लोग फोन कर कह रहे थे कि सरकार गिरनी नहीं चाहिए. लोग कह रहे थे कि चाहे 2 महीने लग जाए, लेकिन राजस्थान की सरकार नहीं गिरनी चाहिए.
Source : News Nation Bureau