100 किमी की रफ्तार से दौड़ेंगी मालगाड़ी, डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पर ट्रायल शुरू

भारतीय रेल में लेटलतीफी जल्द खत्म होने वाली है क्योंकि डीएफसी यानी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर मालवाहक ट्रेनों के लिए बड़ी तेजी से तैयार हो रहा है.

भारतीय रेल में लेटलतीफी जल्द खत्म होने वाली है क्योंकि डीएफसी यानी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर मालवाहक ट्रेनों के लिए बड़ी तेजी से तैयार हो रहा है.

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Kuldeep Singh
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100 किमी की रफ्तार से दौड़ेंगी मालगाड़ी, ट्रायल शुरू( Photo Credit : फाइल फोटो)

भारतीय रेल में लेटलतीफी जल्द खत्म होने वाली है क्योंकि डीएफसी यानी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर मालवाहक ट्रेनों के लिए बड़ी तेजी से तैयार हो रहा है. रेलवे के इतिहास में ऐसा पहली बार है कि अब मालवाहक ट्रेनों की ना सिर्फ रफ्तार बढ़ने जा रही है बल्कि ये मालवाहक ट्रेन अब यात्री ट्रेन रुट पर ना चलकर अपने डेडिकेटेड रुट पर ही चलेंगी वो भी 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से.

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डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर यानी डीएफसी के वेस्टर्न कॉरिडोर रेवाड़ी से मदार के 306 किलोमीटर का लंबे ट्रैक पर मालगाड़ी का ट्रायल शुरू कर दिया गया है जिस पर 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से डबल डेकर मालवाहक ट्रेनें देश को और तेज़ रफ़्तार देंगी. डेडिकेट फ़्रेंट कॉरिडोर का जाल कोलकाता दनकुनी से मुगलसराय, कानपुर, दादरी, लुधियाना, अहमदाबाद, पलघर सूरत और जेएनपीटी मुम्बई पोर्ट के साथ जोड़ने की तैयारी है जोकि प्रस्तावित प्रोजेक्ट है.

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क्या है प्लान और इससे क्या होगा फायदा
दरअसल मालवाहक ट्रेनों से लेकर यात्री ट्रेनें सभी एक ही पटरी पर दौड़ती हैं ये बिल्कुल ऐसा है कि एक ही रोड पर सभी तरह के वाहन. जिससे जाम और ट्रैफिक धीमी गति की स्थिति बनती है. ठीक वैसे ही भारतीय रेलवे में होता आ रहा था लेकिन अब स्थिति बदलने की तैयारी है. जिसमें मालवाहक ट्रेनों के लिए अलग पटरियों का जाल बिछाया जा रहा है और इसे टेस्ट भी किया जा रहा है. पहले जो मालवाहक ट्रेन की रफ्तार औसतन 25 किलोमीटर प्रति घंटा थी, वह बढ़कर 75 से 100 किलोमीटर प्रति घंटा हो जाएगी जिससे माल एक स्थान से दूसरे स्थान जल्दी और कम कीमत में पहुंच सकेंगे. अनुमान के मुताबिक माल भेजने के खर्च में जो अभी 15 फीसदी है घटकर 9 फीसदी हो जाएगा जिनसे उत्पाद की कीमत भी कम होगी और इससे भारत की अर्थव्यवस्था को भी फायदा पहुंचेगा और भारतीय रेल यात्री रेल भी समय पर चलेगी.

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ईस्टर्न कॉरिडोर पर खुर्जा से भाऊपुर 351 किलोमीटर रूट तैयार हो चुका है. बाकी भाऊपुर से मुग़लसराय 402 किलोमीटर, सोहना गढ़ से मुग़लसराय 137 किलोमीटर, खुर्जा दादरी का 46 किलोमीटर, खुर्जा लुधियाना के 401 किलोमीटर तक का रूट 2020 और 2021 तक पूरा हो जाएगा. जिसमें सैकड़ों मालवाहक ट्रेनों का रास्ता साफ हो जाएगा.
वेस्टर्न कॉरिडोर पर भी करीब 1500 किलोमीटर भी 2020 और 2021 तक तैयार हो जाएगा. इससे साफ है कि आने वाला वक़्त भारतीय रेल और रेलवे यात्रियों के लिए काफी राहत भरा होगा, न सिर्फ यात्रियों के लिए समय पर ट्रेन मिलेगी बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था को भी तेज़ी देने और 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने में मदद मिलेगी

Source : News Nation Bureau

Dedicated freight corridor Indian rail Goods Train
      
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