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राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत (फाइल फोटो)
15वें वित्त आयोग ने राजस्थान में पंचायती राज संस्थानों (पीआरआई) और नगरीय स्थानीय निकायों (यूएलबी) की जवाबदेही तंत्र और वित्तीय रिपोर्टिग को लेकर रविवार को चिंता जाहिर की. सरकार की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है कि राज्य में नगरीय स्थानीय निकायों के जवाबदेही तंत्र और वित्तीय रिपोर्टिग लगातार कमजोर बने हुए हैं. बयान में कहा गया है, 'वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान मात्र 68 प्रतिशत यूएलबी खाते सत्यापित किए गए हैं.'
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बयान में कहा गया है कि बड़ी बात यह कि धन को रोके रहना और बैंक खातों की बहुलता यूएलबी में चिंता के प्रमुख क्षेत्र हैं, जिससे पारदर्शिता और जवाबदेही प्रभावित हो रही है.
बयान में कहा गया है, 'मार्च 2018 तक म्युनिसिपल फंड में 1,652 करोड़ रुपये बिना उपयोग के क्लोजिंग बैलैंस के रूप में पड़े हुए थे.'