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गहलोत मंत्रिमंडल का जल्द विस्तार, पायलट गुट के 3 MLA बन सकते हैं मंत्री

राजस्थान में फिर सियासत गर्माने जा रही है कांग्रेस के संगठन महामंत्री वेणुगोपाल, प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अजय माकन जयपुर आएंगे. वही राजस्थान में अब कांग्रेस हाईकमान जल्द मंत्रिमंडल विस्तार, राजनीतिक नियुक्तियों और संगठनात्मक नियुक्तियों का काम खत्म कर

Updated on: 24 Jul 2021, 02:24 PM

highlights

  • कांग्रेस हाईकमान का मिशन राजस्थान
  • खींचतान मिटाने जल्द मंत्रिमंडल विस्तार
  • पायलट गुट के तीन विधायक मंत्री बन सकते हैं

जयपुर :

राजस्थान में फिर सियासत गर्माने जा रही है कांग्रेस के संगठन महामंत्री वेणुगोपाल, प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अजय माकन जयपुर आएंगे. वही राजस्थान में अब कांग्रेस हाईकमान जल्द मंत्रिमंडल विस्तार, राजनीतिक नियुक्तियों और संगठनात्मक नियुक्तियों का काम खत्म करने की कवायद में है. सचिन पायलट खेमे की मांगों का भी इसमें ध्यान रखा जाएगा. पायलट खेमे से तीन या इससे ज्यादा विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता है. किस खेमे से कितने मंत्री बनेंगे, यह आलाकमान तय करेगा. अशोक गहलोत और सचिन पायलट खेमों को मंत्रिमंडल, राजनीतिक नियुक्तियों और ग्रास रूट स्तर पर कांग्रेस संगठन में भागीदारी देने का शेयरिंग फार्मूला तैयार हो रहा है.

मंत्रिमंडल विस्तार की अभी तारीख तय नहीं है, लेकिन इस महीने के अंत तक या अगस्त के शुरू में फेरबदल-विस्तार हो सकता है. विस्तार से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कांग्रेस हाईकमान और वरिष्ठ नेताओं से मिलने दिल्ली जा सकते हैं. पहले गहलोत का शनिवार को दिल्ली जाने की चर्चा थी, लेकिन बताया जाता है कि सीएम ने अचानक अपना प्लान बदल दिया. अब मंत्रिमंडल विस्तार और सियासी नियुक्तियों पर चर्चा करने गहलोत के कांग्रेस हाईकमान के पास जाने का इंतजार हैं. प्रभारी अजय माकन हाईकमान का मैसेज लेकर गहलोत से दोबारा मिल सकते हैं.

राजस्थान में अभी मुख्यमंत्री के अलावा 20 मंत्री हैं. प्रदेश में कुल 30 मंत्री बन सकते हैं, इस लिहाज से 9 जगह खाली हैं. इन 9 जगहों के लिए कांग्रेस के दोनों खेमों में करीब 40 से ज्यादा दावेदार हैं. सचिन पायलट गुट अपने लिए जितने मंत्री चाह रहा है, उस पर पहले मुख्यमंत्री गहलोत तैयार नहीं थे. मंत्रिमंडल विस्तार में देरी के पीछे गहलोत का सहमत नहीं होना ही माना जा रहा है. अशोक गहलोत पायलट कैंप को उसके विधायकों के हिसाब से ही मंत्री बनाने के फार्मूला पर जोर दे रहे हैं, जबकि पायलट ग्रुप पहले से ज्यादा मंत्री बनाने की मांग कर रहा है.

कांग्रेस हाईकमान पंजाब के बाद राजस्थान में सत्ता संगठन को लेकर बड़े फैसले करके खुद की पकड़ अब भी मजबूत होने का मैसेज देने की रणनीति बना रहा है. राजनीतिक जानकारों के मुताबिक अब एक तय रणनीति के तहत कांग्रेस हाईकमान पायलट कैंप को महत्व देगा, साल भर पहले बगावत के बाद हुई सुलह के वक्त उनसे किए वादों को अब जल्द पूरा करने की कवायद शुरू हो गई है.