Alwar Cyber Fraud: राजस्थान के अलवर में पुलिस ने एक ऐसे साइबर फ्रॉड का भंडाफोड़ किया है, जो चर्चा का विषय बन गया है. इसके तहत 2 आरोपी गिरफ्तार किये गये हैं. पुलिस के अनुसार पूरा मामला लक्ष्मणगढ़ थाने का है, जहां मौजपुर के पास तेलियाका बास गांव में ऑनलाइन ठगी को अंजाम दिया जा रहा था. रिपोर्ट की मानें तो पुलिस की दबिश की भनक लगते ही पूरा गांव ही खाली हो गया. लोग अपने घरों में ताले लगाकर फरार हो गए. हालांकि, मौके से ठगी के पैसे से खरीदी गई एक कार व एक बाइक को बरामद की गई है.
ऐसे चला पूरा ऑपरेशन
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एडिशनल एसपी तेज पाल सिंह ने बताया कि लक्ष्मणगढ़ पुलिस को मौजपुर के पास तेलियाका बास गांव में युवाओं द्वारा साइबर ठगी की सूचना मिली थी. इस पर पुलिस ने जांच पड़ताल शुरू की. गांव के कुछ युवा गाड़ी में बैठकर साइबर ठगी करते हुए नजर आए. इस पर पुलिस ने घेर कर कार्रवाई करते हुए दो गिरफ्तार कर लिया. जबकि 3 फरार हो गए.
ये है आरोपियों की पहचान
पुलिस अधिकारी ने मामले को लेकर बताया कि वारदात को अंजाम देने वाले दो आरोपियों को दबोच लिया गया है. दोनों की पहचान साहिल व साबिर के रूप में हुई है. दोनों से पूछताछ के बाद पुलिस ने तीन अन्य साथियों की भी पहचान कर ली है. जल्द ही तीनों को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा. पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों के पास से मोबाइल फोन, सिम कार्ड बरामद किए हैं. इसके अलावा कुछ ठगी से जुड़े अन्य दस्तावेज की भी बरामदगी की गई है.
ठगों ने बसा रखा पूरा गांव
जानकारी के मुताबिक सामने आया कि 10 साल से ठगी का कारोबार चल रहा था. इससे पहले तक इस गांव में पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई भी नहीं की गई थी. इसलिए पूरा गांव ठगी के कारोबार धड़ल्ले से जारी था. गांव के युवा, बच्चे, बुजुर्ग सभी इसी काम में लगे हुए हैं. जैसे ही गांव में पुलिस की कार्रवाई की खबर फैली, तो पूरा का पूरा गांव खाली हो गया. पुलिस ने दोनों आरोपियों को न्यायालय में पेश किया है. हैरानी की बात तो ये है कि पुलिस ने बताया कि अभी तक गांव के लोग 50 करोड़ से ज्यादा की ठगी की घटनाओं को अंजाम दे चुके हैं और इन्हीं पैसों यहां अपने मकान खड़े कर लिये. फिलहाल, इन घरों को बुलडोजर से ध्वस्त किया जाएगा.