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कोविड अस्पतालों में आक्सीजन प्रबंधन के लिए बायोमेडिकल इंजीनियर और आक्सीजन मॉनिटर की होगी नियुक्ति

कोविड अस्पताल (COVID Dedicated Hospital ) में प्रत्येक 100 आक्सीजन या आईसीयू बैड पर तीन पारियों में में दो—दो नर्सिंग स्टॉफ को आक्सीजन मॉनिटर के तौर पर नियुक्त किया करने के आदेश जारी किए गए हैं.

Updated on: 15 May 2021, 09:25 PM

जयपुर:

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ रघु शर्मा ने सभी डे​डीकेटेड कोविड अस्पतालों (COVID Dedicated Hospitals in Rajasthan ) में उपलब्ध संसाधनों का विशेषज्ञों की देखरेख में समुचित उपयोग एवं डेडीकेटड कोविड अस्पतालों में आक्सीजन प्रबंधन के लिए बायोमेडिकल इंजीनियर और आक्सीजन मॉनिटर की  नियुक्ति करने के निर्देश दिये हैं. चिकित्सा मंत्री के निर्देश पर प्रमुख शासन सचिव श्री अखिल अरोरा ने आवश्यक आदेश जारी किए हैं. उन्होंने  प्रत्येक डेडीकेटेड कोविड अस्पताल में बायोमेडिकल इंजीनियर की उपलब्धता के लिए जिला कलक्टर व सीएमएचओ को निर्देश दिए गए है. इंजीनियर का मुख्य कार्य अस्पताल में आक्सीजन प्रेशर की जांच व अस्पताल की अन्य सामान्य व्यवस्था के साथ नियुक्त किए जाने वाले आक्सीजन मॉनिटर को लेकर स्टॉफ को प्रशिक्षण देना होगा. बायोमेडिकल इंजीनियर की उपलब्धता से आक्सीजन सप्लाई के मैनेजमेंट को अधिक बेहतर किया जा सकता है.

प्रत्येक पारी में दो ​नर्सिंग स्टॉफ जरुरी

कोविड अस्पताल (COVID Dedicated Hospital ) में प्रत्येक 100 आक्सीजन या आईसीयू बैड पर तीन पारियों में में दो—दो नर्सिंग स्टॉफ को आक्सीजन मॉनिटर के तौर पर नियुक्त किया करने के आदेश जारी किए गए हैं. जिन अस्पतालों में 100 से कम बैड है वहां तीन पारियों में एक—एक आक्सीजन मॉनिटर की नियुक्ति की जाएगी. आक्सीजन मॉनिटर  मरीज की स्थिति को देखते हुए मेडिकल आक्सीजन की आवश्यक मात्रा के विपरीत दी जा रही आक्सीजन की मात्रा से सबंधित जानकारी चिकित्सक को देगा. जिससे चिकित्सक के परामर्श के बाद मरीज की मेडिकल आक्सीजन की ​स्थिति को बदला जा सकेगा.

बायोमेडिकल इंजीनियर ( Biomedical Engineeer ) व आक्सीजन मॉनिटर (Oxygen Monitor ) कोविड अस्पताल (COVID Dedicated Hospital ) का निष्पक्ष पर्यवेक्षण कर अपने सुझाव से जिला कलक्टर व अस्पताल प्रभारी को अवगत कराएंगे. जयपुर के आक्सीजन मॉनिटर अपनी रिपोर्ट शासन सचिव व चिकित्सा शिक्षा विभाग को भी प्रस्तुत करेंगे.

लग सकता है मेगा लॉकडाउन

बता दें कि जयपुर में कभी भी लग सकता है मेगा लॉकडाउन. सरकार माइक्रो कंटेनमेंट जोन की संख्या बढ़ाकर ज्यादा सख्ती करने की तयारी में है.जयपुर में संक्रमण की रफ्तार और चेन तोड़ने के लिए अलग से एक्शन प्लान पर विचार किया जा रहा है. जयपुर जिले में पूरे प्रदेश के 24% से ज्यादा एक्टिव केस होने से सरकार की चिंता बढ़ गई है. मुख्यमंत्री ने जयपुर के लिए अलग से रणनीति तैयार करने के निर्देश दिए थे. इसके बाद अफसरों ने जयपुर के लिए अलग से रणनीति पर काम शुरू कर दिया है. माइक्रो कंटेनमेंट जोन की संख्या बढ़ाकर आवाजाही रोकी जाएगी. सब्जी मंडियों, दुकानों पर भीड़ मिलने पर सख्ती से निबटा जायेगा.