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राजस्थान में मंत्रिमंडल फेरबदल का काउंटडाउन शुरू, कुछ मंत्रियों की छुट्टी तय

राजस्थान सरकार में तय कोटे के मुताबिक 30 मंत्री बन सकते हैं. मौजूदा सूरतेहाल में राज्य में 10 कैबिनेट मंत्री और 10 राज्य मंत्री बनाए गए हैं. वहीं अगर गहलोत अशोक गहलोत को जोड़ दिया जाए तो कुल संख्या 21 हो जाती है.

Updated on: 18 Nov 2021, 10:08 AM

जयपुर:

राजस्थान में कैबिनेट विस्तार को लेकर एक बार फिर से हलचल तेज हो गई है. गहलोत मंत्रिमंडल में कैबिनेट विस्तार की तारीखों का ऐलान कभी भी होने की संभावना है. लिहाजा मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले नामों को लेकर अटकलों का बाजार गर्म हो गया है. फेरबदल में बाहर किए जाने वाले चेहरों और उनकी जगह शामिल किए जाने वाले नेताओं को लेकर कयासबाजी शुरू हो चुकी है. दो पद वाले मंत्रियों का मंत्रिमंडल से छुट्टी लगभग तय मानी जा रही है. कुछ मंत्रियों को हटाने के लिए उनका प्रदर्शन भी आधार बनाया जा रहा है.

राजस्थान सरकार में तय कोटे के मुताबिक 30 मंत्री बन सकते हैं. मौजूदा सूरतेहाल में राज्य में 10 कैबिनेट मंत्री और 10 राज्य मंत्री बनाए गए हैं. वहीं अगर गहलोत अशोक गहलोत को जोड़ दिया जाए तो कुल संख्या 21 हो जाती है. बचे नौ मंत्री पद को लेकर जद्दोजहद जारी है. जिसमें से तीन मंत्रियों को हटाने के बाद कुल 12 मंत्री पद खाली है. इस मंत्रिमंडल विस्तार के फार्मूले के अनुसार सामाजिक समीकरण, क्षेत्रीय समीकरण, जातीय समीकरण के साथ-साथ पार्टी के अंदरुनी समीकरणों को साधने की रणनीति बनाई जा रही है.

चौधरी, शर्मा और डोटासरा की जगह कई दावेदार 

हरीश चौधरी को पंजाब का प्रभारी बनाया गया है. रघु शर्मा के पास गुजरात के प्रभारी की जिम्मेदारी है. तो वहीं गोविंद सिंह डोटासरा मौजूदा वक्त में प्रदेश अध्यक्ष है. नए फॉर्मूले के मुताबिक संगठन में एक व्यक्ति एक पद के अनुसार इन मंत्रियों की छुट्टी तय मानी जा रही है. तीनों मंत्रियों के हटने के बाद राज्य में दो जाट और एक ब्राह्मण चहरे मौका मिलने की उम्मीद है. 

सूत्रों के मुताबिक हरीश चौधरी और डोटासरा की जगह बृजेंद्र सिंह ओला, हेमाराम चौधरी, निर्दलीय विधायक महादेव सिंह के नाम की चर्चा है. तो वही रघु शर्मा के स्थान पर महेश शर्मा, राजेंद्र पारिख, राजकुमार शर्मा के नामों के नाम की चर्चा जोरों पर है.

राजस्थान के 13 जिलों से कोई मंत्री नहीं

मौजूदा वक्त में अशोक गहलोत राजस्थान के भीतर 13 जिलों से कोई भी मंत्री नहीं है. उदयपुर, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, श्रीगंगानगर, झुंझुनू, चूरू, हनुमानगढ़, माधोपुर, धौलपुर, सिरोही, टोंक, सवाई माधोपुर से एक भी व्यक्ति मंत्री नहीं है. लिहाजा इन जिलों को तरजीह दी जाने की पूरी संभावना है.

पायलट कैंप को मिलेगा मौका

राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट लगातार सूबे में मंत्रिमंडल विस्तार की मांग करते रहे है. सूत्र बता रहे हैं कि इस मंत्रिमंडल विस्तार में सचिन पायलट कैंप को उचित स्थान दिया जाएगा. सचिन पायलट कैंप से रमेश मीणा, बृजेंद्र सिंह, हेमाराम चौधरी, मुरारीलाल मीणा, दीपेंद्र सिंह शेखावत को मौका मिल सकता है.