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राजस्थान: महावीर जयंती के पावन पर्व के मौके पर लोगों जरूररतमंदों को बांटा खाना

आज जैन का खास पर्व महानवीर जयती है लेकिन वो भी धार्मिक आयोजन को करने से बच रहे है. इसकी जगह वो लॉकडाउन के कारण जिन लोगो को खाने की दिक्कतें हो रही हैं उनके लिए विशेष खाना का प्रबंधन किया.

Updated on: 06 Apr 2020, 04:29 PM

नई दिल्ली:

कोरोना वायरस से लड़ने के लिए लॉक डाउन है लिहाजा सब कुछ बन्द है. मंदिरों के पट भी बन्द हैं और ऐसे में किसी भी तरह के धार्मिक कार्यक्रम भी नहीं हो रहे हैं. वहीं आज जैन का खास पर्व महानवीर जयती है लेकिन वो भी धार्मिक आयोजन को करने से बच रहे है. इसकी जगह वो लॉकडाउन के कारण जिन लोगो को खाने की दिक्कतें हो रही हैं उनके लिए विशेष खाना का प्रबंधन किया. जयपुर में कुछ परिवारों ने मिलकर महावीर के मानव सेवा के दर्शन को चरितार्थ किया.

करीब एक दर्जन परिवारों के सदस्यों ने मिलकर सोशल डिस्टनसिंग का पालन करते हुए मास्क लगाकर डाल बाटी चूरमा बनाया और गरीबों को खिलाया. इन लोगों ने कहा कि ऐसे समय जब देश संकट से गुजर रहा है ऐसे में किसी भी माध्यम से सहयोग करना महावीर की सच्ची पूजा है.

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बता दें कि भगवान महावीर की जयंती (Mahaveer Jayanti 2019) चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है. इस बार यह तिथि 6 अप्रैल को पड़ रही है. यह पर्व जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर महावीर स्वामी के जन्म कल्याणक के मौके पर मनाया जाता है. यह जैन समुदाय के लोगों का सबसे प्रमुख पर्व माना जाता है. भगवान महावीर का जन्म 599 ईसवीं पूर्व बिहार में लिच्छिवी वंश के महाराज सिद्धार्थ और महारानी त्रिशला के घर में हुआ था. उनके बचपन का नाम वर्धमान था जो उनके जन्म के बाद से राज्य की होने वाली तरक्की को लेकर दिया गया था.

जैन ग्रंथों के अनुसार 23वें तीर्थंकर पार्श्वनाथ जी के निर्वाण प्राप्त करने के 188 सालों बाद महावीर जी का जन्म हुआ था. उन्होंने ही अहिंसा परमो धर्म: का संदेश दुनिया को दिया था. जैन धर्म के अनुयायी मानते हैं कि वर्धमान ने 12 वर्षों की कठोर तपस्या करके अपनी इंद्रियों पर विजय प्राप्त की थी. इसलिए उन्हें जिन, मतलब विजेता कहा जाता है.