Advertisment

लॉकडाउन के बाद अनुशासन और दूरी ही कोविड-19 के खिलाफ प्रभावी हथियार: अशोक गहलोत

कोरोना वायरस (Corona Virus) संक्रमण का प्रसार रोकने के लिए तमाम प्रभावी उपाय कर रहे राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को कहा कि लॉकडाउन समाप्त होने के बाद कोविड-19 के खिलाफ हमारा प्रभावी हथियार आत्मानुशासन और सामाजिक मेलजोल से दूरी ही होगा

author-image
Vineeta Mandal
एडिट
New Update
gehlot

CM Ashok Gehlot( Photo Credit : फाइल फोटो)

Advertisment

कोरोना वायरस (Corona Virus) संक्रमण का प्रसार रोकने के लिए तमाम प्रभावी उपाय कर रहे राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को कहा कि लॉकडाउन समाप्त होने के बाद कोविड-19 के खिलाफ हमारा प्रभावी हथियार आत्मानुशासन और सामाजिक मेलजोल से दूरी ही होगा. उन्होंने लोगों से आग्रह किया है कि वे लॉकडाउन खत्म होने के बाद अनुशासन ना भूलें और सामाजिक मेलजोल से दूरी बनाए रखें. गहलोत का कहना है कि लॉकडाउन एक साथ समाप्त नहीं किया जा सकता है लेकिन जब भी और जिस भी रूप में इसे हटाया जाएगा, उसके बाद कोविड-19 (Covid-19) से बचने के लिए लोगों को सामाजिक मेलजोल से दूरी और अनुशासन का पूर्ण रूप से पालन करना होगा.

और पढ़ें: Corona Virus: पीएम नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर लॉकडाउन बढ़ाने के दिए संकेत: सूत्र

उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस (CoronaVirus Covid-19) का संक्रमण रोकने के लिए राजस्थान सरकार की अनेक पहलों की देश दुनिया में चर्चा हो रही है. भीलवाड़ा मॉडल की भी मीडिया में खूब चर्चा है. संक्रमण पर लगाम लगाने के लिए किसी पूरे शहर व जिले को सील करने तथा लॉकडाउन जैसे कदम सबसे पहले गहलोत सरकार ने ही उठाए.

गहलोत ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी ने निश्चित रूप से दुनिया भर में लोगों का जीवन बदल दिया है और अब सामाजिक मेलजोल से दूरी (सोशल डिस्टेंसिंग) जीवन में सुरक्षित रहने का एक अभिन्न अंग बन गया है. यह संक्रमण से बचने की कुंजी है. देश में भी, सामाजिक मेलजोल से दूरी बड़ा मुद्दा बना तभी तो जनता की सुरक्षा के मद्देनजर लॉकडाउन लगाना पड़ा. हर खास-ओ-आम को इसकी गंभीरता को समझना चाहिए.

उन्होंने कहा कि सरकारें हर संभव कोशिश कर रही हैं, लेकिन लोगों को भी संक्रमण से सुरक्षित रहने के लिए आत्मनुशासन अपनाना होगा. उन्होंने कहा, 'आत्म अनुशासन जीवन के हर पहलू में होना चाहिए. कोरोना वायरस वैश्विक मानवता के सामने एक बड़ी चुनौती बन खड़ा हुआ है, ऐसे में हर इंसान के लिए आत्म अनुशासन का महत्व कई गुना बढ़ गया है. सुरक्षित रहने के लिए जरूरी है कि सभी अनुशासन में रहते हुए सामाजिक मेलजोल से दूरी बनाए रखें.' लॉकडाउन समाप्त करने संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा कि इसे यकायक समाप्त करना संभव नहीं है.

उन्होंने कहा, 'मैं इस विचार का समर्थन करता हूं कि लॉकडाउन को चरणबद्ध तरीके से समाप्त किया जाना चाहिए. यह लोगों के व्यवहार सहित कई और चीजों पर निर्भर करेगा.' गहलोत ने कहा कि यदि लॉकडाउन एक बार में समाप्त होता है तो सड़कों, बाजारों आदि में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ेगी और 21 दिन के लॉकडाउन की पूरी मेहनत पर ना सिर्फ पानी फिर जाएगा बल्कि संक्रमण के समुदाय के स्तर पर फैलने का भी डर होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की सलाह एक-दूसरे के लिए पूरक होनी चाहिए ताकि चीजों का प्रभावी प्रबंधन हो सके.

ये भी पढ़ें: राजस्थान के 2 शहर की अलग-अलग तस्वीर, एक बना मिसाल तो दूसरा बना कोरोना का गढ़

उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर 22 मार्च से लॉकडाउन लागू करने वाला राजस्थान पहला राज्य था. गहलोत ने कहा कि यह समय पर की गई कार्रवाई थी और सभी एकजुट होकर इससे निपटने में जुट गए थे.

गहलोत के अनुसार, ‘‘सरकार ने सुनिश्चित किया कि लॉकडाउन में किसी भी गरीब, मजदूर को परेशानी ना हो, कोई भूखा ना सोए. लोगों को खाद्यान्न व राशन आपूर्ति सुनिश्चित की गयी. सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं के 78 लाख लाभार्थियों को दो महीने की अग्रिम पेंशन दी गई, सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के दायरे में नहीं आने वाले 31 लाख लोगों दो किस्तों में 2,500 रुपये दिए गए हैं.’’ उल्लेखनीय है कि राज्य में कोरोना संक्रमितों की संख्या बुधवार दोपहर तक बढ़कर 363 हो गयी है. 

Source : Bhasha

covid-19 Coronavirus Lockdown rajasthan cm rajasthan Ashok Gehlot corona-virus coronavirus
Advertisment
Advertisment
Advertisment