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राजस्थान में सियासी घमासान, सिद्धू के बाद क्या सचिन की बारी

अजय माकन के रीट्वीट के बाद सचिन समर्थक भारी जोश में है और माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में राजस्थान में भी चल रहे सियासी घमासान का पटाक्षेप हो सकता है.

Updated on: 20 Jul 2021, 07:18 PM

highlights

  • राजस्थान में सियासी हलचल तेज 
  • सियासी घमासान का पटाक्षेप संभव 
  • कांग्रेस का मतलब गांधी परिवार

 

जयपुर:

पंजाब फार्मूले के बाद राजस्थान में अब सियासी हलचल तेज हो गई है. सचिन पायलट के विधायकों का उत्साह चरम पर है तो वहीं अशोक गहलोत गुट भी दबाव में नजर आ रहा है. अजय माकन के रीट्वीट के बाद सचिन समर्थक भारी जोश में है और माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में राजस्थान में भी चल रहे सियासी घमासान का पटाक्षेप हो सकता है. सचिन खेमे के विधायक वेद प्रकाश सोलंकी का कहना है कि लगातार आलाकमान से यही मांग कर रही थी. लेकिन अब पंजाब का मामला सुलझ गया है तो जल्द से जल्द राजस्थान का मामला भी सुलझा लेना चाहिए.

सचिन खेमे के विधायक वेद प्रकाश सोलंकी ने कहा कि आलाकमान जो भी फैसले लेंगे उसको लेकर सभी सहमत होंगे. लेकिन अब जितना जल्द हो जाए राजस्थान के मामले को सुलझा लेना चाहिए. वही अजय माकन के ट्वीट को लेकर सोलंकी ने कहा इसमें कोई दो राय नहीं है कि कांग्रेस का मतलब गांधी परिवार है, हाथ के चिन्ह को लेकर जब हम मैदान में जाते हैं तो लोग हाथ को देखते हैं. इशारा साफ था अजय माकन ने रिट्वीट करके जिस तरह अमरिंदर सिंह और अशोक गहलोत को लेकर कहा था कि अक्ससर देखने में मिलता है की हार का ठीकरा राहुल गांधी के सिर पर फोड़ा जाता है तो वह जीत का सेहरा खुद के सिर पर, लेकिन कोई मुगालते में नहीं रहे कांग्रेस जब जीतती है तो उसका मतलब है कि कार्यकर्ताओं का विश्वास नेहरू गांधी परिवार में होता है.

आपको बता दें कि पंजाब में लंबे समय से जारी सियासी गतिरोध के बीच कांग्रेस नेतृत्व ने नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब की कमान सौंप दी है. पंजाब कांग्रेस ( Punjab Congress ) का प्रधान बनने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू मंगलवार को अमृतसर पहुंचे. यहां कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया. सिद्धू के समर्थक अपने नेता की एक झलक पाने के लिए बेताब दिखाई दिए. वहीं, दूसरी ओर लुधियाना में नवनियुक्त पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष ( Punjab Congress President) को काले झंडे भी दिखाई गए. जानकारी के अनुसार सिद्धू का काफिला जब लुधियाना के नवांशहर पहुंचा तो यहां किसान संगठनों ने उनको काले झंडे दिखाए. इस दौरान पुलिस को स्थिति संभालने के लिए लाठी चार्ज भी करना पड़ा.