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होटल पहुंचे कांग्रेस विधायक, अब भी सचिन पायलट के संपर्क में कई शीर्ष नेतृत्व

राजस्थान में चल रही सियासी उठापठक के बीच सोमवार को कांग्रेस विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के प्रति समर्थन प्रकट किया गया और फिर विधायकों को जयपुर के एक होटल में ले जाया गया.

Updated on: 13 Jul 2020, 07:39 PM

जयपुर:

राजस्थान में चल रही सियासी उठापठक के बीच सोमवार को कांग्रेस विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के प्रति समर्थन प्रकट किया गया और फिर विधायकों को जयपुर के एक होटल में ले जाया गया. कांग्रेस विधायक दल की बैठक में पारित एक प्रस्ताव में बागी रुख अपनाने वाले उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट की ओर परोक्ष रूप से इशारा करते हुए कहा गया है कि अगर कोई पार्टी पदाधिकारी या विधायक इस तरह की गतिविधियों में संलिप्त पाया जाता है तो उसके खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए.

विधायक दल की बैठक आरंभ होने से पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला ने सुलह की गुंजाइश होने का स्पष्ट संकेत देते हुए कहा कि पायलट और दूसरे विधायक बैठक में आ सकते हैं. हालांकि, पायलट और उनके कुछ समर्थक विधायक बैठक में शामिल नहीं हुए. सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पायलट के संपर्क में हैं. इस बारे में आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा गया है कि विधायक दल की बैठक में कुल कितने विधायक उपस्थित थे, हालांकि कई पार्टी नेताओं का कहना है कि 106 विधायक वहां मौजूद थे. अगर कांग्रेस नेताओं का 100 से अधिक विधायकों के विधायक दल की बैठक में मौजूद होने का दावा सही है तो फिलहाल अशोक गहलोत सरकार को खतरा नजर नहीं आ रहा है.

दूसरी तरफ, गहलोत के खिलाफ खुलकर बगावत कर चुके पायलट ने रविवार शाम दावा किया था कि उनके साथ 30 से अधिक विधायक हैं और अशोक गहलोत सरकार अल्पमत में है. दूसरी तरफ, कांग्रेस के विधायकों का बसों द्वारा फेयरमॉन्ट होटल में ले जाया जाना इस बात का संकेत है कि संकट अभी खत्म नहीं हुआ है. पार्टी सूत्रों का कहना है कि मौजूदा संकट के निपटने तक संभवत: ये विधायक वहीं रुकेंगे. कांग्रेस विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री गहलोत के समर्थन में प्रस्ताव पारित किया और सोनिया गांधी तथा राहुल गांधी के नेतृत्व में आस्था जताई गई.

मुख्यमंत्री गहलोत के सरकारी निवास पर विधायक दल की बैठक में यह प्रस्ताव पारित किया गया. बैठक में कांग्रेस तथा उसके समर्थक निर्दलीय एवं अन्य विधायक मौजूद थे. उप मुख्यमंत्री तथा पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष पायलट द्वारा बागी तेवर अपना लिए जाने के मद्देनजर यह महत्वपूर्ण बैठक थी जिसमें विधायकों ने सरकार विरोधी व पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की चाहे वे पदाधिकारी हों या विधायक दल के सदस्य.

प्रस्ताव में कहा गया है कि कांग्रेस विधायक दल पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी, पार्टी नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में आस्था व भरोसा व्यक्त करता है. यह बैठक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में सर्वसम्मति से समर्थन व्यक्त करती है. इसके साथ ही इस प्रस्ताव में कांग्रेस पार्टी व राज्य में कांग्रेस सरकार को कमजोर करने वाले सभी अलोकतांत्रिक तत्वों की निंदा करते हुए कहा गया है कि अगर कोई पार्टी पदाधिकारी या विधायक इस तरह की गतिविधियों में संलिप्त पाया जाता है तो उसके खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए.

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुरजेवाला ने जयपुर में संवाददाताओं से कहा कि राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार के पास पूर्ण बहुमत है और वह अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट सहित अन्य सभी लोगों के लिए कांग्रेस के दरवाजे हमेशा खुले हैं और खुले रहेंगे. कांग्रेस के प्रभारी महासचिव अविनाश पांडे ने बैठक से पहले कहा था कि विधायकों को बैठक में शामिल होने के लिए व्हिप जारी किया गया है और बैठक में भाग नहीं लेने वाले विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.