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अब इस वजह से कांग्रेस के एक और नेता ने की इस्तीफे की पेशकश

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की निराशाजनक हार के बाद राहुल गांधी और कमलनाथ भी इस्तीफे की पेशकश कर चुके हैं

Updated on: 01 Jun 2019, 01:19 PM

नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव में एक तरफ जहां बीजेपी को प्रचंड बहुमत से जीत मिली तो वहीं कांग्रेस का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा. इसके बाद पार्टी में इस्तीफे देने का दौर भी शुरू हो गया. शुरुआत कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से हुई जिन्होंने हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफे देने की पेशकश की. इसके बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की इच्छा जाहिर की. हालांकि दोनों के इस्तीफे नामंजूर कर दिए गए. इसके बाद इस्तीफे देने की इस लिस्ट में अब राजस्थान के कृषि एवं पशुपालन मंत्री श्री लालचंद कटारिया का नाम भी सामने आया है.

जानकारी के मुताबिक लालचंद कटारिया ने लोकसभा चुनाव में अपने विधानसभा क्षेत्र में करीब 1 लाख से अधिक मतों से प्रत्याशी के पिछड़ने पर हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफे की पेशकश की थी. हालांकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उनके इस्तीफे को भी अस्वीकार कर दिया है और उनसे आग्रह किया है कि ऐसे वक्त में जब चुनाव के परिणाम पार्टी के अनुकूल नहीं आए हैं, उसे देखते हुए हमारी नैतिक जिम्मेदारी बढ़ जाती है कि आने वाली चुनौतियों का डटकर सामना करें और प्रदेश में सुशासन देने में अपनी भागीदारी निभाएं. मुख्यमंत्री ने कहा, 'पूर्व में आप केंद्रीय मंत्री रहे हैं और कई बार विधायक भी रहे हैं. आपके अनुभव का प्रदेश को लाभ मिलेगा.

ममता बनर्जी ने भी की थी इस्तीफे की पेशकश

इससे पहले कांग्रेस के अलावा टीएमसी अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी भी इस्तीफा देने की बात कही थी. उस दौरान उन्होंने प्रेस  कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि  मैं मुख्यमंत्री के पद पर नहीं रहना चाहती. मैं अब मुख्यमंत्री नहीं रहूंगी. बता दें, लोकसभा चुनाव में बंगाल में तृणमूल कांग्रेस का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा. 2104 के लोकसभा चुनाव में टीएमसी ने 34 सीटों पर जीत दर्ज की थी. वहीं इस बार संख्या घटकर सिर्फ 22 सीटों पर ही जीत दर्ज कर सकी. वहीं बीजेपी ने 18 सीटों पर जीत दर्ज की. वाम दल तीसरे स्थान पर आया. बीजेपी का जानाधार बढ़ने से हैरान तृणमूल कांग्रेस खेमा बंट गया है. हालांकि, टीएससी का वोट प्रतिशत इस बार बढ़ा है. उसे 2014 के 39 प्रतिशत के मुकाबले इस बार 43 प्रतिशत वोट मिले.