कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद मचे सियासी भूचाल का असर राजस्थान में भी दिखने लगा है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लगातार दिल्ली के चक्कर लगाते दिख रहे है. वहीं गहलोत ब्युरोक्रेसी को लेकर काफी सख्त नजर आ रहे हैं, उन्होंने प्रशासन को साफ चेतावनी दी है जो काम करेगा वही चलेगा. प्रशासनिक अधिकारियों की तरफ इशारा करते हुए गहलोत ने कहा कि कुछ अधिकारी काम नहीं कर रहे हैं वो सिर्फ 5 बजने का इंतजार करते हैं, ऐसे अधिकारियों को परमानेंट रिटायरमेंट देने का मन करता है.
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अधिकारियों को चेतावनी के साथ ही अशोक गहलोत ने पार्टी के अंदर अपने विरोधियों को भी साफ संदेश दे दिया है. उन्होंने कहा कि राजस्थान की जनता गांव, ढाणी का व्यक्ति उनको ही मुख्यमंत्री बनाने के लिए वोट देकर गया था. पहली बार ऐसा हुआ जब गांव, ढाणी से आवाज आई कि हमारा सीएम अशोक गहलोत बनना चाहिए. इसी भावना को ध्यान में रख राहुल गांधी ने मुझे सीएम बनाया.
उन्होंने ये भी कहा कि राहुल गांधी ने प्रदेश की भावनाओं का सम्मान करते हुए मुझे अवसर दिया. ऐसा प्यार और इतना विश्वास इतनी पुकार मैंने पहले सीएम रहते हुए नहीं सुनी जितनी इस बार सुनी है इसलिए मेरा मुख्यमंत्री बनना और शपथ लेना जरूरी था. मेरे जेहन में है कि जो भावना गांव, ढाणी में थी उसका सम्मान हो.
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बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच विधानसभा चुनाव के करीब 1 साल पहले से मुख्यमंत्री पद की होड़ को लेकर बयानबाजियां की जाती रही है.