Advertisment

अशोक गहलोत का बड़ा बयान- महाभारत में संजय का उदाहरण देकर समझाई यह बात

राजस्थान के मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने शनिवार को डाॅ. एसएन सुब्बाराव का हाल जाने SMS हाॅस्पिटल पहुंचे. जिसके बाद उन्होंने मीडिया से बात की और कई अहम सवालों का जवाब दिया

author-image
Mohit Sharma
एडिट
New Update
Ashok Gehlot

Ashok Gehlot( Photo Credit : News Nation)

Advertisment

राजस्थान के मुख्यमंत्री ( rajasthan cm ashok gehlot ) और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने शनिवार को डाॅ. एसएन सुब्बाराव ( Dr. SN Subba Rao  ) का हाल जाने SMS हाॅस्पिटल पहुंचे. जिसके बाद उन्होंने मीडिया से बात की और कई अहम सवालों का जवाब दिया. उन्होंने कहा कि अभी तो सुब्बाराव जी काफी ठीक हैं. रात को उन्होंने थोड़ा अनकंफर्टेबल फील किया. इसलिए यहां शिफ्ट किया उनको उन्होंने बातचीत भी काफी अच्छे से की. स्टेबल हैं. ठीक हैं. इस दौरान उन्होंने भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस से जुड़े कई महत्वपूर्ण सवालों के जवाब दिए.

सवाल- वल्लभनगर में, धरियावद में उपचुनाव होने हैं, क्या उम्मीद है कांग्रेस को, चुनाव प्रचार चल रहा है, बीजेपी कह रही है ...?
जवाब- बीजेपी तो वहां मेरे ख्याल से फोर्थ नंबर पर चल रही है, जो मैंने सुना है कि बीजेपी वहां चौथे नंबर पर है वल्लभनगर में, इसलिए वो थोड़ा बौखलाए हुए हैं, तो इसलिए बयानबाजी करते रहते हैं, हम तो अपना काम करते हैं। हम तो अपने कार्यकाल में जो काम हमने किए हैं ढाई साल के अंदर, उन उपलब्धियों के आधार पर बात कर रहे हैं वहां पर और वो ही हमारा एजेंडा है आगे भी काम करने का, इसलिए वादा कर रहे हैं कि आप हमें एक मौका और दो, जिससे सरकार मजबूत हो, मजबूती से काम करे और प्रदेश में विकास के काम हों, ये हमारी थीम है, वल्लभनगर में भी और धरियावद के अंदर भी, अच्छा रेस्पॉन्स मिल रहा है वहां पर, उम्मीद है कि दोनों सीटें हम जीत जाएंगे।

सवाल- वाल्मीकि समाज के लोग भी कल आपसे मिले थे भरतपुर वाले?
जवाब- हां वो घटना बहुत अनफॉर्च्युनेट है, यूपी में आप जानते हो कि ऐसी घटनाएं होती रहती हैं। जिस प्रकार से आगरा के पुलिस वाले आकर भरतपुर से उठाकर ले गए, एक मुल्जिम को पकड़ने के लिए उसके ससुराल में जाकर सबको पकड़कर ले गए, ये तरीका गलत है न? तो तलाशी ले ली मकान की आपने, अगर कोई छिपा हुआ हो तो आप पकड़कर ले आओ, कोई दिक्कत नहीं है, परंतु वो अगर नहीं मिला वहां पर तो आप उनके फादर इन लॉ को, मदर इन लॉ को, जो भी साले वगैरह थे परिवार के लोग उनको पकड़कर ले गए और पिटाई की वहां पर, बहुत अनफॉर्च्युनेट है ये। मैं सोचता हूं कि मुझे लिखना चाहिए पत्र मुख्यमंत्री यूपी को भी और आईजी को मैंने कहा कि आप पूरी बात हमें लिखकर भेजें कि वास्तव में हकीकत क्या-क्या हुई है।

सवाल- कल आपने दौरा भी किया जो अभियान के तहत किस तरह लगा, काफी काम करने की जरूरत है?
जवाब- प्रशासन गांवों के संग अभियान मैंने देखा कल और जो कमियां होंगी, क्योंकि जब अभियान शुरू होता है, अभी तो 8 दिन ही हुए हैं क्योंकि बीच में छुट्टियां काफी आ गईं, 2 अक्टूबर के बाद में 8-9 दिन ही काम हुआ है, 8-9 दिन में काम अच्छा हुआ है और कमियां भी हैं, शहरों के अभियान में भी, गांवों के अभियान में भी, धीरे-धीरे वो ठीक होगी। कोई भी अभियान शुरू होता है, बड़ा अभियान है ये, ये 2-4 महीने चलेगा लगभग, 6 महीने चलेगा तो कमियां धीरे-धीरे दूर भी होंगी और अधिकारियों में, कर्मचारियों में ये भावना है कि हमें कुछ काम करके दिखाना है और हम सबका कर्त्तव्य भी है जो हम पब्लिक सर्वेंट कहलाते हैं, उन सबका कर्त्तव्य है कि वो लोग गांव वाला हो, किसान हो, मजदूर हो, कोई वर्ग का व्यक्ति हो, उसको राहत देने के काम का एक अवसर मिला है कैंपों के माध्यम से, वैसे तो रोज ऑफिस खुलते हैं, काम भी होते हैं, पर कई लोगों को काफी टाइम लगता है वहां पर काम करवाने में, तो ये एक अवसर दिया है प्रशासन शहरों के संग और गांवों के संग अभियान के रूप में। अभियान के माध्यम से कई बार काम बहुत अच्छे हो सकते हैं, वो हमारा प्रयास है कि लोगों को राहत मिले।

सवाल- कल आपने कहा कि मोदी सरकार अभी भी बाज नहीं आ रही है लोगों पर जो विपक्षी हैं उन पर हमला करवाने से चाहे विभिन्न एजेंसियां?
जवाब- वो तो पूरे देश के अंदर जहां-जहां चुनाव होते हैं, तो इनका एजेंडा है कि ये ही पहले मैसेज जाते हैं वहां पर अधिकारियों को, सीबीआई को, इनकम टैक्स को, ईडी को किस प्रकार से आपको चुन-चुनकर वहां पर मैसेज देना है कि लोग घबरा जाएं, ये इनकी टैक्टिक्स है। जबसे ये चुनाव जीतकर आए हैं, तब से नई परंपरा शुरू कर दी जो कि अनफॉर्च्युनेट है और लोगों में फिर भय होता है और माहौल ऐसा बनता है कि सफोकेशन का माहौल बनता है। तो आज चाहे इंडस्ट्रियलिस्ट हों, चाहे वो व्यापारी हों, सब लोगों में एक ऐसा माहौल बन गया, मोदी जी को चाहिए कि इस माहौल को दूर करें, डेमोक्रेसी के अंदर अगर प्रेम और मोहब्बत होगी, भाईचारा होगा आपस के अंदर, कॉन्फिडेंस होगा सरकार के प्रति, तब जाकर सुशासन होगा। मेरा मानना है कि इसमें ये सरकार केंद्र सरकार फेल हो रही है। मोदी जी प्राइम मिनिस्टर हैं, सबसे बड़ी जिम्मेदारी उनकी है कि वो पूरा मॉनिटरिंग करें कि वास्तव में जो मीडिया में आर्टिकल आ रहे हैं, कुछ मीडिया वाले सच्चाई बता भी रहे हैं। कुछ इसलिए वो बता नहीं पाते हैं, मोदी जी को खुश करने के लिए, जाने-अनजाने में, जो भी है, दबाव के अंदर। इन सब बातों से हटकर मोदी जी को चाहिए कि खुद मॉनिटरिंग करें और देखें कि वास्तव में हकीकत क्या है, हकीकत के आधार पर उनको फैसले करने चाहिए, तब वो सुशासन देने में कामयाब होंगे। वरना टाइम आएगा, लोग इनको सबक सिखाएंगे, इनको मालूम ही नहीं पड़ेगा, पहले ऐसा कई बार हुआ है, कांग्रेस शासन में भी हो चुका है और बीजेपी के शासन में भी हो चुका है। वाजपेयी जी थे तब भी, इंदिरा जी जैसी महान नेता थीं वो भी चुनाव हार गई थीं। तो ये जनता किसी को बख्शने वाली नहीं है, जनता इस देश की बहुत समझदार है, अनपढ़ हो सकती है, कम पढ़ी-लिखी हो सकती है, अक्ल होशियारी के अंदर, रोबस्ट कॉमन सेंस में हिंदुस्तान की जनता का कोई मुकाबला नहीं है दुनिया के अंदर। इसलिए मुझे विश्वास है कि ऐसे लोगों ने अगर ढंग से अपने आप में सुधार नहीं किया, अहम-घमंड में चलते रहे, किसान लोग बैठे हुए हैं सालभर से, महंगाई बढ़ती जा रही है, पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ते ही जा रहे हैं, करोड़ों-अरबों रुपए इकट्ठे कर रहे हैं, बेरोजगारी बढ़ रही है लोगों में, नौजवानों में विस्फोट हो रहा है। एक तरफ राजस्थान में देखो आप लोग एक के बाद एक नौकरियां लग रही हैं, रीट की परीक्षा भी हुई है, पटवारियों की हो रही है, कंप्यूटर शिक्षकों की होगी, आने वाले वक्त में लगातार यहां पर नौकरियां लग रही हैं और 2 करोड़ का वादा किया था प्राइम मिनिस्टर ने, वो गायब हैं। तो जनता इन बातों को ध्यान में रखती है, कोरोना में जो मजदूर चले थे पैदल सड़कों पर, लोग भूले नहीं हैं ये चीज, राजस्थान में कोई मजदूर पैदल नहीं चला, शानदार कोरोना प्रबंधन हुआ, देश में और दुनिया में तारीफ हुई, हमारे यहां के डॉक्टर्स ने, मेडिकल फ्रेटर्निटी ने, पुलिस वालों ने भी खाना पहुंचाने का काम किया, एनजीओ ने, धर्मगुरुओं ने और पॉलिटिकल पार्टी के लोगों ने सबको, सब आगे आए और हम सबने मिलकर राजस्थान में एक उदाहरण पेश किया कि संकट के वक्त में, जब महामारी का संकट था, पूरे प्रदेश की जनता एकजुट रही, हमने ये बता दिया कि राजस्थान में किस प्रकार का जनता में संस्कार है, संस्कृति है, उसके साथ हम लोगों ने आह्वान किया, उसमें हम लोग कामयाब हुए।

सवाल- कोयला और डीएपी के लिए आपने केंद्र पर जो दबाव बनाया था वो कामयाब रहा?
जवाब- एक तो आज मिल गई है पर्यावरण की स्वीकृति, आज सुबह ही बात की है मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ से, बघेल साहब से, उनको मैंने कहा है कि आपके वहां भी एक ऐसा ब्लॉक है, उसकी हमें स्वीकृति जल्द ही मिले, उनसे हम नोट मंगवा रहे हैं कि भई आप क्या सोचते हैं, क्या दिक्कत आ रही है आपको? हम केंद्र से बात करेंगे, तो मैंने आज सुबह ही बात की है भूपेश बघेल जी से, मुझे उम्मीद है कि वो हल भी होगा, तो जितनी प्रॉब्लम पूरे उत्तर भारत में हुई थी राज्यों में, उसके मुकाबले में हमने राजस्थान में काफी कुछ कंट्रोल किया और उसके कारण से कटौती बहुत कम हो रही है यहां पर, उम्मीद करते हैं कि भविष्य में भी हम लोग कामयाब होंगे।

सवाल- कल एक फैसला किया है कि घर-घर जाकर सदस्यता अभियान चलाएंगे और सरकार की योजनाएं कांग्रेस के कार्यकर्ता पहुंचाएंगे, किस तरह रहेगा?
जवाब- जन जागरण का प्रोग्राम बहुत शानदार प्रोग्राम दिया, एक तरफ मेंबरशिप चलेगी, एक तरफ महंगाई को लेकर अभियान है पूरे देशभर के अंदर, जो राहुल गांधी जी ने, सोनिया गांधी जी ने इस प्रोग्राम को दिया है देशभर के लोगों के लिए। राजस्थान में कल हमने एक मीटिंग की, चर्चा की, अजय माकन जी भी थे उसके अंदर, प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जी ने पूरी मीटिंग बुलाई, हम लोगों ने बैठकर बातचीत की है, उम्मीद करते हैं कि नवंबर के अंदर इस अभियान को बहुत ही इफेक्टिव तरीके से लागू करवाएंगे, जिससे कि महंगाई का मुद्दा केंद्र की नजर में आए। अभी तो दुर्भाग्य है कि न तो महंगाई का मुद्दा, न बेरोजगारी का मुद्दा केंद्र सरकार के एजेंडे में ही नहीं है, तो हम चाहते हैं कि दबाव, विपक्ष का धर्म है कि दबाव देकर किस प्रकार से सरकार में बैठे लोगों को जगाएं कि जनता त्राहि-त्राहि कर रही है बिजली की समस्या को लेकर भी और जो मैंने कहा आपको कि महंगाई का मुद्दा हो, चाहे बेरोजगारी का मुद्दा हो, तो ये हमारा फर्ज है और हम लोग वो भूमिका निभाने में कोई कमी नहीं रखेंगे।

सवाल- आपके साथियों को एक-एक करके एआईसीसी में बड़ी जिम्मेदारियां दी जा रही हैं, आपके मंत्रिमंडल के साथियों को?
जवाब- ये तो राजस्थान का सौभाग्य है कि हमारे यहां के कार्यकर्ताओं में और नेताओं में इतनी कर्मठता है, निष्ठा है, प्रतिबद्धता है पार्टी के प्रति जो मैं सालों से कहता हूं कि राजस्थान का एक अलग इतिहास है। मुझे याद है इंदिरा गांधी जी ने नई पार्टी बनाई थी, कांग्रेस आई बनाई थी 1978 के अंदर 1 जनवरी को, तो 15 जनवरी को, 15 दिन बाद में ही वो जयपुर आ गईं। उससे अंदाज कर लीजिए का 15 दिन के बाद में पार्टी बनने के बाद में उनका जयपुर आना ये क्या मैसेज देता है? तो उस ढंग का हमारा कैडर यहां का है। इसलिए, भंवर जितेंद्र सिंह जी महामंत्री पहले से ही थे, रघु शर्मा जी को जिम्मेदारी दी गई, हरीश चौधरी जी को दी गई है, धीरज गुर्जर जी हैं और साथ में हमारे कुलदीप इंदौरा जी हैं, तो काफी लोग राजस्थान के जो हैं पार्टी संगठन में काम कर रहे हैं और आप समझ सकते हैं कि ये धारणा इसलिए बनी हुई है एआईसीसी के अंदर कि राजस्थान के लोगों को, कार्यकर्ताओं को जो जिम्मेदारी दी जाती है, वो पूरी निष्ठा के साथ में, ईमानदारी के साथ में और प्रतिबद्ध होकर निभाते हैं, इसलिए राहुल गांधी जी ने ये जिम्मेदारी उनको दी है।

सवाल- आपके दिल्ली से आने के बाद कई अफवाहें आई थीं राहुल गांधी को लेकर कि मीटिंग हुई?
जवाब- अफवाहें तो जब तक मंत्रिमंडल का गठन नहीं होगा, पुनर्गठन नहीं होगा, तब तक अफवाहों के खेल में मीडिया फंस गया है। मीडिया जो है समझ नहीं पा रहा है, वो केवल न्यूज बनाता है कई बार तो। मैं उस दिन, वो कौनसी तारीख थी, 16 तारीख थी, 16 तारीख को मेरी कोई मुलाकात हुई ही नहीं राहुल गांधी जी से, जो हम लोग सुबह मिले थे वर्किंट कमेटी की बैठक में, आई-कैच जरूर हुआ होगा, बाकी मुलाकात कहीं नहीं हुई, शाम को तो सवाल ही पैदा नहीं होता है। मीटिंग हो रही है हमारी एक कमेटी की, जिसमें प्रियंका गांधी जी थीं, केसी वेणुगोपाल जी थे और अजय माकन जी थे और जो स्टोरियां पढ़ी मैंने अखबारों में, मुझे बड़ी शर्म आती है कि मीडिया कहां जा रहा है। अखबार वाले, ये राष्ट्रदूत की बात करूं मैं, इनके मालिक जो पहले थे बुजुर्ग, उनका एक नाम था और राष्ट्रदूत से कई लोग निकले हुए हैं बाद में, आजादी के बाद में भी, पहले भी भूमिका थी इनकी और इस रूप में निकले हुए हैं कि मैं समझता हूं कि बड़े-बड़े पत्रकार बने और वो राष्ट्रदूत जो धज्जियां उड़ा रहा है अपनी, बेइज्जती करवा रहा है पब्लिक के सामने, फर्जी न्यूज प्लांट करवा रहा है, हैडलाइन में आती है न्यूज, पहले मैं कई बार उदाहरण दे चुका हूं आपको, ऐसा माहौल बनाते हैं प्रदेश के अंदर कि प्रदेशवासियों को खुद को लगता है कि उनको शर्म आती है कि ऐसा अखबार भी राजस्थान में है, जो कोई दूर-दूर का वास्ता नहीं है तथ्यों में, तब भी न्यूज लगाते हैं वो लोग। इस प्रकार की जो इनकी हरकतें हैं राष्ट्रदूत की, इनके संपादकों की, इनके मालिकों की, मैं कहना चाहूंगा कि प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया को इसका कॉग्निजेंस लेना चाहिए, ध्यान रखना चाहिए कि राजस्थान में ऐसा अखबार भी है, जिसकी कोई प्रसार संख्या नहीं है, फर्जी प्रसार संख्या बता रखी है, करोड़ों रुपए उठा रहे हैं विज्ञापन के नाम पर, बिना शर्म के, कोई प्रसार संख्या नहीं है, मामूली कॉपियां छपती हैं, लाखों बताते हैं और विज्ञापन की रेट उसी ढंग से फिक्स होती है, उठा रहे हैं, मजे कर रहे हैं और फिर ऐसी प्लांटेड न्यूज लगाते हैं, तो जनता देख रही है इन बातों को भी, क्या न्यूज आई है आप समझ सकते हो इन बातों को भी, दो न्यूज मैंने पढ़ी उस दिन, मुझे किसी ने बताई कि ये देखिए किस प्रकार की हरकतें कर सकते हैं, राहुल गांधी किस प्रकार से नाराज हुए मुख्यमंत्री पर, किस प्रकार की उनकी बॉडी लैंग्वेज थी, जैसे वो खुद ही बैठे हुए हों राष्ट्रदूत वाले खुद ही बैठे हुए हों। हां ठीक कह रहे हो, महाभारत में संजय बता रहे थे वैसे ही, दिव्य दृष्टि मिल गई होगी इन लोगों को।

Source : News Nation Bureau

Ashok Gehlot Government cm-ashok-gehlot rajasthan cm ashok gehlot
Advertisment
Advertisment
Advertisment