CM अशोक गहलोत बोले- केंद्र-राज्य सरकारों को कोरोना से ऐसे करना चाहिए मुकाबला
देश में जहां एक बार फिर कोरोना महामारी तेजी से फैल रही है तो वहीं कई राज्यों ने वैक्सीन की कमी की वजह से एक मई से वैक्सीनेशन शुरू करने से मना कर दिया है.
नई दिल्ली:
देश में जहां एक बार फिर कोरोना महामारी तेजी से फैल रही है तो वहीं कई राज्यों ने वैक्सीन की कमी की वजह से एक मई से वैक्सीनेशन शुरू करने से मना कर दिया है. इस पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर कहा कि हमारा प्रयास है कि केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकर कोविड महामारी का मुकाबला करना चाहिए. ऑक्सीजन और दवाइयों की कमी बेहद व्यथित करने वाली है. हम केंद्र सरकार से बार-बार निवेदन कर रहे हैं कि अन्य राज्यों और विदेशों से मदद लेकर राजस्थान एवं अन्य राज्यों की भी सहायता करें.
राजस्थान में लगभग 1 लाख 70 हजार एक्टिव केसेज हैं. मानकों के अनुसार, करीब 12% मरीजों को ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है. यानी राजस्थान में करीब 20,400 मरीजों को आज ऑक्सीजन की आवश्यकता है. एक्टिव केसेज की गणना के आधार पर प्रदेश को 466 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आवश्यकता है, लेकिन फिलहाल सिर्फ 265 मीट्रिक टन ऑक्सीजन ही मिल पा रही है.
राजस्थान में करीब 201 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की कमी है. राज्य में संक्रमित केस देश के कुल संक्रमितों का 5% है, लेकिन ऑक्सीजन आवंटन सिर्फ 1.6% है. प्रदेश को एक सप्ताह के अंदर ही कुल 550 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आवश्यकता होगी. अत: केंद्र सरकार से पुन: अनुरोध है कि इमरजेंसी के तौर पर प्रदेश को 201 मीट्रिक टन ऑक्सीजन आवंटित की जाए.
हो सकता है कि केंद्र सरकार ने बेहतर प्रबंधन की दृष्टि से ऑक्सीजन और दवाइयों का कंट्रोल अपने हाथ में लिया हो, लेकिन राज्य यदि एक-दूसरे की मदद करना चाहते हैं तो भारत सरकार की देखरेख में उन्हें इसकी छूट दी जाए. हम पुन: केंद्र से निवेदन करते हैं कि राजस्थान की सहायता करें. राजस्थान को केंद्र सरकार की मदद की दरकार है.
राजस्थान के चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने प्रेसवार्ता में कहा कि एक मई से 18 से 45 आयु वर्ग का वैक्सीनेशन प्रारंभ नहीं किया जा सकता है. सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया से वैक्सीन की सप्लाई होनी है, लेकिन कंपनी ने राजस्थान को केवल 3 लाख संभावित डोज़ देने की हामी भरी है. ऐसे में पूरे प्रदेश में 18-45 आयु वर्ग का वैक्सीनेशन प्रोग्राम प्रारंभ नहीं किया जा सकता है.
उन्होंने आगे कहा कि हमें संभावित 3 लाख वैक्सीन की डोज़ मिलने जा रही हैं, उन्हें सर्वप्रथम अधिक संक्रमण वाले शहरों को दिया जाएगा. इन शहरों में भी केवल 35-44 आयु वर्ग के लोगों का ही वैक्सीनेशन होगा, इसके बाद जब वैक्सीन की सप्लाई नियमित होगी, तब तय आयुवर्ग के लोगों का वैक्सीनेशन होगा.
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