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राजस्थान : गहलोत सरकार ने किया हासिल विश्वास मत, सदन 21 अगस्त तक स्थगित

राजस्थान में चल रहे सियासी घमासान पर अब विराम लग गया है. शुक्रवार को गहलोत सरकार पर संकट के बादल छट गए हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने राजस्थान विधानसभा में विश्वास मत हासिल कर लिया है.

Updated on: 14 Aug 2020, 04:41 PM

नई दिल्‍ली:

राजस्थान (Rajasthan) में चल रहे सियासी घमासान पर अब विराम लग गया है. शुक्रवार को गहलोत सरकार पर संकट के बादल छट गए हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने राजस्थान विधानसभा में विश्वास मत हासिल कर लिया है. इस दौरान ध्वनि मत से विश्वास प्रस्ताव पारित किया गया है. इसके साथ ही सदन को 21 अगस्त तक स्थगित किया गया है.

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विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने सदन द्वारा मंत्रिपरिषद में विश्वास व्यक्त करने का प्रस्ताव स्वीकार किए जाने की घोषणा की. इसके बाद सदन की कार्रवाई 21 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी गई. इससे पहले सरकार के प्रस्ताव पर हुई बहस का जवाब देते हुए गहलोत ने विपक्ष द्वारा लगाए गए आरोपों को खारिज कर दिया. साथ ही गहलोत ने विधायकों के फोन टैप होने के आरोपों को भी खारिज किया और कहा कि राजस्थान में ऐसी परंपरा नहीं है.

आपको बता दें कि इससे पहले सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि बीजेपी के लोग आज बगुला भगत बन रहे हैं. सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली है. मैं अब 69 साल का हो गया और 50 साल से राजनीति में हूं. आज मैं लोकतंत्र को लेकर चिंतित हूं. उन्होंने आगे कहा कि सम्माननीय नेता प्रतिपक्ष को कहना चाहूंगा कि चाहे आप कितनी भी कोशिश कर लो, मैं आपको कहता हूं कि राजस्थान की सरकार को गिरने नहीं दूंगा.

एक बुरा सपना था जो बीत गया, पूरा परिवार एकजुट, मिलकर चलेंगे : गहलोत

राजस्थान की राजनीति में पिछले दिनों मचे सियासी घमासान को एक बुरा सपना करार देते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बृहस्पतिवार को कहा कि पार्टी विधायकों को अब तक हुई बातों को भूलकर मिलकर चलना है. उन्होंने साथ ही कहा कि कांग्रेस विधानसभा में विश्वास मत लाकर बताएगी कि उसकी ताकत क्या है. गहलोत बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री निवास में हुई विधायक दल की बैठक को संबोधित कर रहे थे.

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बैठक में हाल ही में बगावती रुख अख्तियार करने वाले सचिन पायलट व 18 अन्य विधायक भी मौजूद थे. गहलोत ने कहा कि हमें गर्व है हम उस पार्टी के सिपाही हैं जिस पार्टी का त्याग, बलिदान, कुर्बानी का इतिहास रहा है, इसलिए मैं कहना चाहूंगा कि जो बातें हुई हैं, इन सबको भूलना है. हमें बड़ा दिल रखना है, मिलकर चलना है.

पार्टी आलाकमान के हस्तक्षेप के बाद बागी विधायकों के बैठक में आने का जिक्र करते हुए गहलोत ने कहा कि आज मान लीजिये हमारे कुछ साथी नहीं आते, फ्लोर टेस्ट होता, सरकार बच जाती मान लो... ईमानदारी की बात ये है कि हमारे दिल में वो खुशी नहीं होती, सरकार बचती, हम काम करते. हमारे हमारे ही होते हैं, पराए पराए ही होते हैं.