गहलोत सरकार का बड़ा फैसला, राजस्थान में विधान परिषद का होगा गठन
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में विधान परिषद के गठन का निर्णय लिया गया है. मंत्रिपरिषद ने राज्य की नई पर्यटन नीति को भी मंजूरी दी है.
highlights
- अभी 6 राज्यों में है मौजूद है विधान परिषद
- बंगाल में भी विधान परिषद बनाने का प्रस्ताव पास
- संसद सकती है राज्य की इस मांग का फैसला
जयपुर:
राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने विधान परिषद के गठन का बड़ा फैसला लिया है. राजस्थान में कैबिनेट विस्तार और सियासी नियुक्तियों की चर्चा के बीच सीएम गहलोत का इसे मास्टरस्ट्रोक माना जा रहा है. हालांकि यह निर्णय लेने के बाद प्रक्रिया में समय लग सकता लेकिन तब तक कई कद्दावर नेताओं को विधानमंडल में एडजस्ट करने का वादा कर मनाया जा सकता है. पिछले काफी समय से राजस्थान में असंतोष फैला हुआ है. सीएम अशोक गहलोत के इस कदम को असंतोष को कम करने के तौर पर देखा जा सकता है. दूसरी तफ तबादलों पर रोक हटाने के बाद इस निर्णय से दावेदारों में खुशी की लहर है. इसके जरिए कई नेताओं और विधायकों के हितों को साधा जा सकता है.
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मुख्यमंत्री गहलोत द्वारा इस फैसले से एक तीर से कई निशाने साधने की कोशिश की गई है. इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी विधान परिषद के गठन के प्रस्ताव पास किया था. तमिलनाडु में भी स्टालिन विधान परिषद गठन का चुनावी वादा कर चुके हैं. अब राज्यों में दूसरे सदन के गठन के बारे में केन्द्र सरकार को नीतिगत निर्णय लेना है. राजस्थान में मंत्रीपरिषद ने फैसला लिया है कि राज्य विधानसभा के आगामी सत्र में संकल्प पारित करवा कर संसद में भेजा जाएगा. वहां से मंजूरी शीघ्र कराने के प्रयास होंगे. शिक्षामंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने बताया कि विधानपरिषद बनाए जाने को लेकर आगामी दिनों में प्रक्रिया तेज होगी. उन्होंने कहा कि साल 2012 में भी इस संबंध में संकल्प पारित किया गया था. वह अभी लंबित है.
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ये प्रक्रिया कब तक पूरी होगी?
इसको लेकर कुछ नहीं कहा जा सकता. ये ऐसी संवैधानिक प्रक्रिया है जिसे पूरा होने में सालों भी लग सकते हैं. विधान परिषद बनाने का प्रस्ताव राज्य सरकारें विधानसभा में तो पास कर देती हैं, लेकिन ये संसद में आकर अटक जाता है. इसे यूं समझिए असम की विधानसभा ने 2010 में और राजस्थान विधानसभा ने 2012 में राज्य में विधान परिषद बनाने का प्रस्ताव पास किया था, लेकिन दोनों ही राज्यों का ये बिल राज्यसभा में अटका हुआ है.
6 राज्यों में है विधान परिषद
अभी देश के 6 राज्यों में विधान परिषद है. इनमें आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना, महाराष्ट्र, बिहार और उत्तर प्रदेश है. पहले जम्मू-कश्मीर में भी विधान परिषद थी, लेकिन केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद उसकी मान्यता खत्म हो गई. अभी जिन 6 राज्यों में विधान परिषद है, उनमें से तीन राज्यों के मुख्यमंत्री इसी सदन के सदस्य हैं. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विधान परिषद के सदस्य हैं. इसी तरह महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे और बिहार के सीएम नीतीश कुमार विधान परिषद के सदस्य हैं. नीतीश कुमार तो जब से मुख्यमंत्री बने हैं, तभी से विधान परिषद के सदस्य हैं.
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