गहलोत खेमा ने अजय माकन को बताया सीएम को हटाने की साजिश का हिस्सा

गहलोत खेमे के राजस्थान के मंत्री और गहलोत के वफादार शांति धारीवाल ने सोमवार को कहा कि सीएम अशोक गहलोत को हटाने की साजिश थी और "महामंत्री अजय माकन इसका हिस्सा थे. उन्होंने मल्लिकार्जुन का बचाव करते हुए कहा कि मैं किसी और की बात नहीं कर रहा हूं.

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Iftekhar Ahmed
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Ajai Makan

गहलोत खेमा ने अजय माकन को बताया सीएम को हटाने की साजिश का हिस्सा( Photo Credit : News Nation)

गहलोत खेमे के राजस्थान के मंत्री और गहलोत के वफादार शांति धारीवाल ने सोमवार को कहा कि सीएम अशोक गहलोत को हटाने की साजिश थी और "महामंत्री अजय माकन इसका हिस्सा थे. उन्होंने मल्लिकार्जुन का बचाव करते हुए कहा कि मैं किसी और की बात नहीं कर रहा हूं. खड़गे पर कोई आरोप नहीं  है, बल्कि प्रभारी महासचिव की बात कर रहा हूं." उन्होंने कहा कि गहलोत ने हमेशा आलाकमान के निर्देशों का पालन किया है. उन्होंने कहा कि आलाकमान ने 2020 में वापस उनसे गलत लोगों को समायोजित करने के लिए कहा था और उन्होंने जो सचिन पायलट को शामिल करने के लिए कहा था, उसे स्वीकार कर लिया गया. उन्होंने आगे कहा कि एक महासचिव खुद प्रचार कर रहे हैं कि लोग पायलट को सीएम बनाना चाहते हैं. 

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उन्होंने कहा कि इस तरह की बयानबाजी से विधायकों में भारी गुस्सा है, जिसकी वजह से वे असंतुष्ट है. धारीवाल ने कहा कि विधायकों ने मुझे उनकी बात सुनने के लिए कहा था. ये 102 विधायक चाहते हैं कि चाहते हैं कि 2020 में 34 दिनों तक कांग्रेस के साथ एकजुट रहने वालों में से किसी को सीएम बनाया जाए. मंत्री ने कहा कि राजस्थान के विधायक देशद्रोहियों को पुरस्कृत किए जाने को बर्दाश्त नहीं करेंगे.

गौरतलब है कि राजस्थान में विधायकों की बिना बैठक किए कांग्रेस पर्यवेक्षक अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे दिल्ली लौट आए हैं. वो 2 बजे की इंडिगो की फ्लाइट से वापस आ गए. जिस तरह का घटनाक्रम और सियासी ड्रामा देखने को मिला, उससे कांग्रेस आलाकमान नाराज काफी नाराज बताए जा रहे हैं. इसके साथ ही बताया जा रहा है कि घटना पर कांग्रेस आलाकमान सख्त रुख अपना लिया है. इसके साथ ही पर्यवेक्षक अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे से लिखित में जवाब मांगा है . अजय माकन ने कहा कि अधिकारिक बैठक बुलाकर अलग अनाधिकारिक बैठक करना और बैठक में शामिल न होना अनुशासनहीनता है.

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दिल्ली लौटने के बाद अजय माकन ने कहा कि यह बैठक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कहने पर बुलाई गई थी. लेकिन अधिकारिक बैठक में शामिल न होना और मंत्री शांति धारीवाल के घर 60 विधायकों का बैठक करना यह पार्टी की अनुशासनहीनता है. उन्होंने कहा कि विधायकों ने 3 शर्त रखी थी. पहला यह कि अगले मुख्यमंत्री का चुनाव 19 अक्टूबर के बाद हो. दूसरा नया नेता उन विधायकों से बने, जिसने संकट में सरकार बचाई थी. तिसरा नया मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सहमति से बने.

बाद में जब इस बारे में अशोक गहलोत से बात की गई तो उन्होंने अपने हाथ खड़े कर दिए और कहा कि यह मेरे बस में नहीं है. विधायकों के वन टू वन बातचीत पर अशोक गहलोत नहीं मान रहे हैं. उधर 60 विधायकों ने अपना इस्तीफा स्पीकर सीपी जोशी को सौंप दिया है.

Source : News Nation Bureau

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