राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लगभग एक साल पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. शपथ लेते समय अशोक गहलोत ने जनता की सेवा की का वादा किया था हाल में ही 14 नवंबर को नेहरू जयंती कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि देश की आजादी में बीजेपी और आरएसएस का कोई योगदान नहीं रहा है. गहलोत इतने पर ही चुप नहीं हुए उन्होंने आरएसएस पर आरोप लगाते हुए कहा कि वो अंग्रेजों के मुखबिर थे. वहीं उनके इस बयान पर पलटवार करते हुए बीजेपी विधायक अशोक लाहौटी ने कहा था कि स्वतंत्रता संग्राम में हमारे नेता केशव बलिराम हेडगेवार स्वतंत्रता सेनानी थे. वहीं शुक्रवार को राजस्थान विधानसभा में संविधान पर बहस के दौरान अशोक गहलोत ने भारतीय जनता पार्टी पर एक के बाद एक करके कई आरोप लगाए.
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आइए आपको बताते हैं कि राजस्थान विधानसभा में संविधान पर बहस के दौरान सीएम अशोक गहलोत ने बीजेपी पर क्या-क्या आरोप लगाए.
- चुनावी बॉन्ड देश का सबसे बड़ा घोटाला. पांच हजार करोड़ में से 95 फीसदी अकेले बीजेपी को मिले. कहा लोगों को सड़कों पर उतर इसका विरोध करना चाहिए. पाकिस्तान का डर दिखाया जा रहा है देश को जबकि पाकिस्तान चीज क्या है हिंदुस्तान के सामने. हिंदुस्तान की तुलना पाकिस्तान से नहीं की जा सकती.
- राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ एक्स्ट्रा संवैधानिक शक्ति के रुप में काम कर रहा है. मेरी चुनौती है कि पर्दे के पीछे से नहीं संघ सामने से मैदान में आए. मुकाबला करेंगे. जीएसटी को ढंग से लागू नहीं किया गया, इससे 11 हजार करोड़ का राजस्व कम हुआ. जिसका नुकसान राज्यों के विकास पर असर पड़ेगा. केंद्र सरकार ने राज्यों से सलाह किए बगैर राजस्व में उनका हिस्सा कम कर दिया.
- देश चलाने के लिए संपत्तियों का डिस इनवेस्टमेंट ठीक नहीं किया. पहले भी वाजपेयी शासन में हिंदुस्तान जिंक और होटल अशोका को कौड़ियों के भाव बेचा गया था. हिंदुस्तान जिंक को स्क्रैप से भी कम कीमत पर बेचा था, अब एयर इंडिया को बेचा जा रहा है. कांग्रेस अगले सौ साल तक खत्म नहीं होगी. कांग्रेस खत्म करने की बात करने वाले खुद भारत से मुक्त हो जाएंगे.
- देश में हिंसा, डर और मॉब लिचिंग का माहौल है. हम मॉब लिचिंग के खिलाफ बिल लाए उसे भी केंद्र सरकार रोक कर बैठी है. अब सिर्फ एक नारा मोदी है तो मुमकिन है किसी की खिलाफ बोलने की हिम्मत नहीं. आपकी पूर्व मुख्यमंत्री ( वसुंधरा राजे) ने बोलने की कोशिश की तो घर बैठा दिया, अब सदन में ही नहीं आ रही है.