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राजस्थान: एक साल से लावारिस बच्चे पता नहीं लगा पाई चाइल्ड लाइन टीम, तलाश जारी

एक साल पहले सवाईमाधोपुर के गंगापुरसिटी में मिले लावारिस बच्चे के परिजनों को कोई सुराग नही मिल पाया है. मर्सी आश्रय गृह स्टाफ एवं चाइल्डलाइन टीम लगातार बच्चे के परिजनों की तलाश कर रही है. जानकारी अनुसार करीब एक साल पूर्व 22 मई 2019 को सवाईमाधोपुर कें

Updated on: 04 May 2020, 04:49 PM

नई दिल्ली:

एक साल पहले सवाईमाधोपुर के गंगापुरसिटी में मिले लावारिस बच्चे के परिजनों को कोई सुराग नही मिल पाया है. मर्सी आश्रय गृह स्टाफ एवं चाइल्डलाइन टीम लगातार बच्चे के परिजनों की तलाश कर रही है. जानकारी अनुसार करीब एक साल पूर्व 22 मई 2019 को सवाईमाधोपुर कें गंगापुरसिटी में एक बच्चे लावारिस अवस्था में घूमता मिला था. सूचना मिलने पर पहुंची उदईमोड़ थाना पुलिस ने बच्चे को चाइल्डलाइन के संरक्षण में दे दिया. चाइल्डलाइन ने बच्चे को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया जहॉ से उसे मर्सी आश्रय गृह में रखने के आदेश दिये गये तब से बच्चे मर्सी आश्रय गृह मीणा कालोनी में आवासित है.पढ़े

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मर्सी रिहैबिलीटेशन सोसाइटी की केयर गिवर स्नेहलता वर्मा ने बताया कि बच्चे से लगातार काउन्सलिंग की गयी बच्चे मानसिक दिव्यांग होने के कारण परिजनो के बारें में ज्यादा जानकारी नही बता पा रहा हैं. बच्चा अपना नाम सूरज और पिता का नाम बाबू बता रहा है, वहीं बताया जा रहा है कि बच्चे के माता पिता की मृत्यु हो चुकी है. बच्चे का एक भाई कमल है जो दिल्ली में रहता हैं उसने अपनी बहन का नाम नीम उर्फ निरमा बताया और अपना घर दिल्ली बता रहा है.

संस्था स्टाफ पिछले एकसाल से बच्चे के शिक्षण प्रशिक्षण एवं खान पान की व्यस्था कर रहे है. बच्चे से कई बार परामर्श किया और परिजनों की तलाश की लेकिन बच्चे के परिजनों का अभी तक कोई सुराग नही मिल पाया है. चाइल्डलाइन टीम सोशल मीडिया एवं अन्य साधनो की सहायता से बच्चे के परिजनों की तलाश कर रहे है.

मर्सी रिहैबिलीटेशन सोसाइटी द्वारा पांच साल में अबतक 500 से भी अधिक गुमशुदा बच्चों को उनके परिजनों के पास पहुंचाया जा चुका हैं. लेकिन इस बच्चे के बारे में अभी तक कोई सफलता नही मिल पायी है, वहीं चाइल्ड लाइन टीम लगातार परिजनो की तलाश कर रही है.