राजस्थान में जल्द होगा मंत्रिमंडल विस्तार : कांग्रेस प्रमुख
प्रदेश पीसीसी प्रमुख और शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि राजस्थान में बहुप्रतीक्षित राजनीतिक नियुक्तियां और कैबिनेट विस्तार जल्द ही होगा और पार्टी में पसीने और मेहनत से सेवा करने वाले सभी लोगों को बिना किसी पूर्वाग्रह के नियुक्त किया जाएगा
जयपुर:
प्रदेश पीसीसी प्रमुख और शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि राजस्थान में बहुप्रतीक्षित राजनीतिक नियुक्तियां और कैबिनेट विस्तार जल्द ही होगा और पार्टी में पसीने और मेहनत से सेवा करने वाले सभी लोगों को बिना किसी पूर्वाग्रह के नियुक्त किया जाएगा. डोटासरा ने कांग्रेस में किसी भी गुट या खेमे की मौजूदगी से भी इनकार किया और कहा कि पार्टी की सेवा करने वाले सभी उम्मीदवारों को जल्द ही नियुक्त किया जाएगा. शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने आईएएनएस को बताया कि राजनीतिक नियुक्तियों में देरी का एकमात्र कारण कोविड की तीव्र दूसरी लहर थी और अब जब यह कह होता दिख रहा है, तो इसमें देरी करने का कोई मतलब नहीं होगा. यहां यह उल्लेख करना आवश्यक है कि हाल ही में यहां कांग्रेस के गुटों में संघर्ष उस समय उजागर हो गया था, जब कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक हेमाराम चौधरी ने इस्तीफा दे दिया और धरने पर बैठ गए. उन्होंने दावा किया कि उनके निर्वाचन क्षेत्र में कोई काम नहीं हो रहा है. चौधरी सचिन पायलट खेमे से जाने जाते हैं.
बाद में पायलट ने कहा कि उनका इस्तीफा कांग्रेस के लिए चिंता का विषय है. इसके तुरंत बाद, पायलट खेमे के विधायक वेदप्रकाश सोलंकी ने भी चौधरी के पक्ष में बात की और कहा कि उनके निर्वाचन क्षेत्र में भी काम प्रभावित हो रहा है और राज्य में शक्तियों के विकेंद्रीकरण की मांग की.
हालांकि, डोटासरा ने चौधरी के इस्तीफे को पारिवारिक मामला होने का दावा किया और कहा कि इसे सुलझा लिया जाएगा और इस संदर्भ में कोई चिंता नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि मैंने चौधरी से बात की है और उनकी चिंताओं को दूर करने की कोशिश की है. उन्होंने ऐसे किसी भी गुट की उपस्थिति से इनकार करते हुए कहा और कहा कि राज्य में एक कांग्रेस कैडर है और जिसने भी कड़ी मेहनत की है उसे उनका बकाया मिलेगा.
राजस्थान में लंबे समय से राजनीतिक नियुक्तियां लंबित हैं. इससे पहले राजस्थान के प्रभारी अजय माकन ने कहा कि ये नियुक्तियां दिसंबर के अंत तक की जाएंगी और फिर बजट सत्र के मद्देनजर इन्हें फिर से स्थगित कर दिया गया. तभी से नेता और पार्टी कार्यकर्ता इनाम पाने के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं.
राजस्थान में जब से पायलट कैडरों ने गहलोत नेतृत्व के खिलाफ बगावत की है, तब से सभी जिलों और प्रखंडों की कार्य समितियां भंग कर दी गई हैं. गहलोत और पायलट खेमे के बीच जारी खींचतान के चलते अभी कोई जिलाध्यक्ष, प्रखंड अध्यक्ष या कार्यकारिणी समिति नहीं है.
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