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 कांग्रेस के चिंतन शिविर पर भाजपा का हमला, सोनिया गांधी को दी ये नसीहत

कांग्रेस के चिंतन शिविर में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा दिये बयानों पर राजस्थान भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां ने करारा पलटवार किया है.

Updated on: 13 May 2022, 10:35 PM

highlights

  • चिंतन शिविर का मतलब गांधी परिवार से शुरू और वहीं खत्म
  • सोनिया गांधी को राजस्थान में बहुसंख्यकों पर अत्याचार नहीं दिखते
  • राजस्थान के किसानों, युवाओं, बहन-बेटियों से हकीकत जानने की सलाह

जयपुर:

कांग्रेस के चिंतन शिविर में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा दिये बयानों पर राजस्थान भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां ने करारा पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के चिंतन शिविर में वही रटी-रटाई बातें हैं, जिनसे गांधी परिवार खुश होता है. कांग्रेस में परिवारवाद इस कदर हावी है कि पूरी कांग्रेस गांधी परिवार के सामने नतमस्तक है. इससे आगे कांग्रेस की कोई सोच नहीं है, ना कोई विजन. सिर्फ परिवारवाद की राजनीति के इर्द-गिर्द ही कांग्रेस सिमट गई है. परिवारवाद, तुष्टिकरण, भ्रष्टाचार इत्यादि के कारण ही कांग्रेस पूरे देश से सिमट चुकी है. केवल राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बची है, इन दो राज्यों से भी आने वाले चुनावों में कांग्रेस मुक्त हो जाएगी.

बहुसंख्यक तुष्टिकरण पर भड़के भाजपा नेता
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के चिंतन शिविर में सोनिया गांधी कह रही है कि बहुख्यकों के तुष्टिकरण की राजनीति हो रही है. क्या सोनिया गांधी को यह पता नहीं है कि कांग्रेस सरकार के शासन में करौली, जोधपुर, भीलवाड़ा, भरतपुर और नोहर में हिंसा भड़की, कोटा में पीएफआई की रैली को इजाजत किसने दी. क्या सोनिया गांधी को प्रदेश में बहुसंख्यकों पर अत्याचार नहीं दिखते? इन क्षेत्रों में हिंसा पीड़ितों से मिलने आज तक अशोक गहलोत नहीं गए. हिंसा करने वाले लोगों पर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई. सरकार सिर्फ लीपापोती कर रही है. एक पक्ष के दोष को छुपाने के लिये दूसरे पक्ष के लोगों को फंसाया जा रहा है. ऐसा कांग्रेस तुष्टिकरण कर वोट बैंक के लिए कर रही है.

किसान कर्जमाफी का वादा नहीं किया पूरा
आजादी से लेकर 50-55 वर्षों तक अल्पसंख्यकों को कांग्रेस ने सिर्फ वोट बैंक तक ही सीमित रखा. इनके विकास व संबल के लिए अटल बिहारी वाजपेयी से लेकर पिछले 8 वर्षों से मोदी सरकार में कार्य हो रहे हैं. मोदी सरकार सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास के संकल्प के साथ देश के हर के उत्थान के लिए कार्य कर रही है. सोनिया गांधी को कांग्रेस के चिंतन शिविर से कोई संदेश देना है तो अशोक गहलोत को कहें कि किसान कर्जमाफी का वादा पूरा करें.

अशोक गहलोत सरकार ने की वादाखिलाफी
अशोक गहलोत को याद रखना चाहिए कि देश पर इमरजेंसी कांग्रेस के शासन में थोपी गई, लोगों को जेलों में डाल दिया गया, अब कांग्रेस के शासन में ही राजस्थान में जनहित के मुद्दों की आवाज उठाने वाले पत्रकारों व भाजपा नेताओं के खिलाफ षडयंत्र करके झूठे मुकदमे दर्ज करवाये जा रहे हैं, वहीं कांग्रेस के कई विधायकों के बेटों को दुष्कर्म के मामलों में आरोपी होने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. अशोक गहलोत को याद रखना चाहिये कि योजनाओं के लाभार्थियों तक पहुंचाने के लिये केन्द्र की मोदी सरकार जमीन पर कार्य कर रही है, वहीं आपने तो किसानों व युवाओं से वादाखिलाफी की है, तो आपके पास जनता को बताने के लिये कुछ है ही नहीं, और जनता 2023 में प्रदेश से कांग्रेस को हमेशा के लिए विदा करने को अभी से तैयार बैठी है.