अशोक गहलोत ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि NDA सरकार के काम करने के तरीके के कारण आज देशभर के किसान सड़कों पर आये हैं. भारत बंद का ऐलान किया है. मोदी सरकार ने सभी संवैधानिक रीति रिवाजों और लोकतांत्रिक तरीकों की धज्जियां उड़ा दी हैं. लोकतंत्र में संवाद सबसे जरूरी है, लेकिन नये कृषि कानूनों पर केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों और किसान संगठनों से कोई बात ही नहीं की.
जब केंद्र सरकार शांतिपूर्ण धरनों में जनता की बात नहीं सुनेगी. विपक्ष और राष्ट्रीय किसान संगठनों से संवाद नहीं करेगी. राज्यपाल विपक्षी सरकारों द्वारा सदन में पास किये गये बिलों को राष्ट्रपति के पास नहीं भेजेंगे. राष्ट्रपति विपक्षी पार्टी की सरकार वाले मुख्यमंत्रियों को मिलने का समय नहीं देंगे. जनता किस तरह अपनी भावना केंद्र सरकार के सामने प्रकट करेगी? मोदी सरकार का रवैया अहंकार और फासीवादी सोच से भरा हुआ है. वो जनता और विपक्ष की आवाज नहीं सुन रहे. किसी भी सरकार का विरोध, ज्ञापन, धरना प्रदर्शन इत्यादि उसकी नीतियों और फैसलों के कारण होते हैं.
स्वस्थ लोकतांत्रिक परंपरा में आवश्यक है. सरकार का विरोध करना देशविरोधी या देशद्रोह नहीं हो सकता है. जनता की आवाज सुनने की बजाय उन्हें दबाने के मोदी सरकार के तरीके के कारण आज देशभर में किसान सड़कों पर है. और तो और जब किसानों के समर्थन में श्री राहुल गांधी और कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पंजाब में ट्रेक्टर यात्रा निकाली तब भी केंद्र सरकार इसे गंभीरता से लेती तो आज ये नौबत नहीं आती.
Source : News Nation Bureau