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10 साल बाद भंवरी देवी केस में 6 लोगों को मिली जमानत

राजस्थान हाईकोर्ट ने मंगलवार को बहुचर्चित भंवरी प्रकरण के 6 आरोपियों को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया. इन सभी को जमानत देने का आधार सुप्रीम कोर्ट का फैसला बना.

Updated on: 24 Aug 2021, 11:50 PM

जयपुर:

Bhanwari Devi case : राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) ने मंगलवार को बहुचर्चित भंवरी प्रकरण के 6 आरोपियों को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया. इन सभी को जमानत देने का आधार सुप्रीम कोर्ट का फैसला बना. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने एक आरोपी परसारम को जमानत प्रदान की थी. इस मामले में मुख्य आरोपी पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा की जमानत याचिका पर मंगलवार को फैसला नहीं हो पाया. कैंसर की बीमारी का इलाज कराने के लिए वे फिलहाल अंतरिम जमानत पर जेल से बाहर हैं. उनकी जमानत के बारे में फैसला 23 अगस्त को किया जाएगा.

टर्म एंड कडीशन के आधार पर जमानत

भंवरी प्रकरण में एक आरोपी परसराम विश्नोई को 27 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने यह कहते हुए जमानत प्रदान की थी कि ट्रायल में विलम्ब होने के कारण किसी व्यक्ति को अनिश्चितकाल के लिए जेल में बंद नहीं रखा जा सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हम मानते हैं कि यह मामला बेहद गंभीर व जघन्य अपराध से जुड़ा है, लेकिन ट्रायल में हो रहे विलम्ब के कारण किसी आरोपी को अनिश्चितकाल के लिए जेल में बंद रखना उचित नहीं होगा. ऐसे में हम सभी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए ट्रायल कोर्ट की टर्म एंड कडीशन के आधार पर जमानत प्रदान करते हैं.

अब उम्मीदें बंधीं

परसराम को मिली जमानत के बाद लंबे अरसे से जेल में बंद अन्य आरोपियों को भी जमानत मिलने की उम्मीदें बंध गईं. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को आधार बना महिपाल मदेरणा, ओमप्रकाश, पुखराज, दिनेश, सहीराम, उमेशाराम व अशोक ने हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की. मंगलवार को न्यायाधीश दिनेश मेहता ने इन जमानत याचिकाओं पर सुनवाई की. उन्होंने महिपाल मदेरणा को छोड़ अन्य सभी को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया. ये लोग करीब 10 साल बाद जेल से बाहर आएंगे. मदेरणा इन दिनों अपनी बीमारी का इलाज कराने के लिए अंतरिम जमानत पर जेल से बाहर हैं. उनकी अंतरिम जमानत की अवधि 23 अगस्त को पूरी हो रही है. ऐसे में हाईकोर्ट 23 अगस्त को उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई करेगा.

केस में भूमिका

मंगलवार को हाईकोर्ट ने 6 आरोपियों को जमानत प्रदान कर की. इनमें से सहीराम व उमेशाराम पर आरोप है कि उसने भंवरी को ठिकाने लगाने वाली विशनाराम की गैंग व तत्कालीन मंत्री महिपाल मदेरणा के बीच कोर्डिनेटर का कार्य किया. घटना के समय वह अपनी लोकेशन जोधपुर से बाहर दर्शाने के लिए जयपुर में महिपाल के मकान के आसपास मंडराता रहा. इसी तरह ओमप्रकाश व अशोक पर आरोप है कि उन्होंने मिलकर भंवरी के शव को जलाने के लिए लकड़ियों सहित तेल का इंतजाम किया. बाद में उसकी राख को राजीव गांधी लिफ्ट नहर में बहाने में सहयोग किया. वहीं, दो अन्य आरोपी पुखराज व दिनेश पर भंवरी को मारने में शामिल लोगों के मोबाइल की फर्जी सिम उपलब्ध करवा कर उनकी लोकेशन को अन्य स्थान पर दर्शाने में सहयोग देने का आरोप है. इसके अलावा दोनों पर जोधपुर के सर्किट हाउस से एक नेता के पास से पांच लाख रुपए ले जाने का आरोप है.

अब ये लोग रह गए जेल में

भंवरी प्रकरण में कुल 17 लोग पकड़े गए थे. इनमें से 2 को पहले जमानत मिल चुकी है. 6 को मंगलवार को जमानत मिली. वहीं महिपाल मदेरणा अंतरिम जमानत पर जेल से बाहर हैं. इस तरह अब 8 आरोपी जेल में हैं. इनमें से पूर्व विधायक मलखान सिंह विश्नोई, उनकी बहन इन्द्रा विश्नोई व विशनाराम प्रमुख हैं. मलखान व इन्द्रा पर भंवरी के अपहरण व हत्या करने की साजिश रचने का आरोप है. वहीं विशनाराम पर भंवरी का अपहरण करने के बाद उसकी हत्या कर शव को जला कर उसकी अस्थियों को राजीव गांधी लिफ्ट नहर में बहा देने का आरोप है. शेष 5 आरोपियों पर इन तीनों का सहयोग करने का आरोप है.

अब तक यह हुआ ट्रायल कोर्ट में

राजस्थान की राजनीति में भूचाल लाने वाले भंवरी प्रकरण की जांच 15 अक्टूबर 2011 को CBI को सौंपी गई. तब तक पुलिस इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार कर चुकी थी. बाद में CBI ने जांच शुरू की. इस मामले में कुल 17 लोगों को गिरफ्तार किया गया. इनमें से एक रेशमाराम जमानत पर बाहर है. जबकि महिपाल मदेरणा, मलखान सिंह विश्नोई, परसराम विश्नोई व इन दोनों की बहन इंद्रा सहित 16 लोग जेल में हैं. CBI ने तीन किस्तों में इस मामले की चार्जशीट कोर्ट में पेश की. पहली चार्जशीट मार्च 2012 में पेश की गई. कोर्ट में अब तक इस मामले में 197 गवाह के बयान पूरे हो चुके हैं. साथ ही सभी के मुल्जिम बयान भी पूरे हो चुके है. सीबीआई ने 17 जुलाई को ही मुल्जिम बयान पूरे कराए हैं. अब इस मामले में बचाव पक्ष अपने साक्ष्य पेश कर रहा है. साक्ष्य पेश करने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद बहस शुरू होगी. बहस पूरी होने के बाद कोर्ट प्रदेश के इस बहुचर्चित मामले में अपना फैसला सुनाएगा.

यह है मामला

जोधपुर जिले के बिलाड़ा थाने में अमरचंद नाम के एक व्यक्ति ने एक सितम्बर 2011 को रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसकी पत्नी एएनएम भंवरी देवी लापता है. साथ ही उसने अपनी पत्नी के अपहरण की आशंका जताते हुए तत्कालीन राज्य सरकार में मंत्री महिपाल मदेरणा सहित दो-तीन लोगों पर शक जाहिर किया. इसके बाद यह मामला सुर्खियों में आ गया. मामले की जांच कुछ आगे बढ़ती, इस बीच राज्य सरकार ने बढ़ते विरोध को ध्यान में रख मामले की जांच CBI को सौंप दी. CBI ने 3 दिसम्बर 2011 को महिपाल मदेरणा के पूछताछ की और उन्हें गिरफ्तार कर लिया. बाद में इस मामले में कांग्रेस विधायक मलखान सिंह विश्नोई का भी नाम आया. उन्हें भी पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया. इसके अलावा इस मामले में 15 अन्य गिरफ्तारियां भी हुईं. इसके बाद से महिपाल व मलखान अभी तक जेल में ही है. CBI का दावा है कि भंवरी देवी का अपहरण कर उसकी हत्या कर दी गई. बाद में शव को जला कर उसकी राख को राजीव गांधी लिफ्ट नहर में बहा दिया गया. यह मामला अब कोर्ट में विचाराधीन है.