अशोक गहलोत ने राहुल गांधी को माना कांग्रेस अध्यक्ष! प्रस्ताव किया पास
एक ओर जहां कांग्रेस खुद को संगठित करने के लिए जमीनी स्तर पर भारत जोड़ो अभियान चला रही है, वहीं पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं का ध्यान नेतृत्व जैसे दूसरे मुद्दों पर भी टिका है
नई दिल्ली:
एक ओर जहां कांग्रेस खुद को संगठित करने के लिए जमीनी स्तर पर भारत जोड़ो ( Bharat Jodo Yatra ) अभियान चला रही है, वहीं पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं का ध्यान नेतृत्व जैसे दूसरे मुद्दों पर भी टिका है. अब जबकि पार्टी अध्यक्ष के लिए होने वाले चुनाव में एक हफ्ते से भी कम का समय बचा है. ऐसे में कांग्रेस के सीनियर लीडर और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ( Rajasthan chief minister Ashok Gehlot ) ने राहुल गांधी ( Rahul Gandhi ) के फिर से पार्टी अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव पास किया है.
प्रस्ताव में राहुल गांधी को पार्टी का मुखिया बनाना तय किया गया
आपको बता दें कि पिछले महीने पार्टी संगठन से जुड़े बड़े फैसले लेने वाली कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में ऐलान किया गया था कि कांग्रेस अध्यक्ष के पद के लिए 17 अक्टूबर को चुनाव होगा, जबकि नतीजों का ऐलान अगले दिन यानी 18 अक्टूबर को किया जाएगा. राजस्थान सरकार में मंत्री पीएस खाचरियावा ने शनिवार को मीडिया से बात करते हुए बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा पास प्रस्ताव में यह तय किया गया है कि कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी जो निर्णय लेंगी, उसको स्वीकार किया जाएगा. फिर वह चाहे नए प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के संबंध में ही क्यों न हो. जबकि दूसरे प्रस्ताव में राहुल गांधी को पार्टी का मुखिया बनाना तय किया गया है.
कांग्रेस के दिगज्ज नेता एक-एक करके पार्टी छोड़ते जा रहे
हालांकि राहुल गांधी यह साफ कर चुके हैं कि उनके दिमाग में किसी तरह का कोई कंफ्यूजन नहीं है कि वो कांग्रेस के अध्यक्ष चुने जाएंगे या नहीं. यह तो चुनाव के बाद ही क्लीयर हो पाएगा. आपके बता दें कि कांग्रेस इस समच अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है. कांग्रेस के दिगज्ज नेता एक-एक करके पार्टी छोड़ते जा रहे हैं. हाल ही में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने भी पार्टी के बाय-बाय कह दिया है. उन्होंने राहुल गांधी व गांधी परिवार को कांग्रेस के पतन के लिए जिम्मेदार ठहराया है. जिसके बाद से भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस को निशाने पर ले लिया है. बीजेपी नेताओं का कहना है कि कांग्रेस को भारत जोड़ो नहीं, बल्कि पार्टी जोड़ो अभियान चलाने की जरूरत है.
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