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अध्यक्ष की रेस से बाहर होने के बाद अशोक गहलोत ने दिए राजस्थान के सीएम बने रहने के संकेत

कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से माफी मांगने के दो दिन बाद अशोक गहलोत ने शनिवार को संकेत दिया कि यह वे अब राजस्थान के मुख्यमंत्री बने रहेंगे. इसके साथ ही उन्होंने अगले बजट के लिए जनता से खास तौर पर युवाओं से अपनी राय देने के लिए कहा है.

Updated on: 01 Oct 2022, 05:39 PM

highlights

  • जनता से अगले साल के बजट के संबंध में सुझाव भेजने के लिए कहा
  • वफादारों का कहना है कि ऐसा लग रहा है कि कोई सीएम नहीं बदलेगा
  • कांग्रेस आला कमान की सख्ती के बाद दोनों में खेमे ने साधी चुप्पी

जयपुर:

कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से माफी मांगने के दो दिन बाद अशोक गहलोत ने शनिवार को संकेत दिया कि यह वे अब राजस्थान के मुख्यमंत्री बने रहेंगे. इसके साथ ही उन्होंने अगले बजट के लिए जनता से खास तौर पर युवाओं से अपनी राय देने के लिए कहा है. उन्होंने कहा कि हम छात्रों और युवाओं के लिए बजट पेश करेंगे. मैं एक बार फिर से दोहरा रहा हूं और प्रदेश के युवाओं, छात्रों और जनता से अपील कर रहा हूं कि उनके मन में जो सुझाव हैं, वे सीधे मेरे पास भेजें. मैं उन योजनाओं को अमल में लाना चाहता हूं, जो उनके दिल में हैं. क्योंकि देश का भविष्य युवा है.

अपनी पिछली हार का इस तरह हालात पर फोड़ा ठीकरा
गहलोत की सोनिया से मुलाकात के बाद कांग्रेस ने कहा था कि राजस्थान का अगला सीएम कांग्रेस अध्यक्ष तय करेंगे. लेकिन, गहलोत की ओर से सोनिया से माफी मांगने और कांग्रेस अध्यक्ष पद की दौड़ से हटने के बाद गहलोत फिर से हार्डबॉल खेल रहे हैं. कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव के लिए शुक्रवार को मल्लिकार्जुन खड़गे के कागजात पर हस्ताक्षर करने के बाद गहलोत ने बीकानेर में कहा कि मैं जनता से कह रहा हूं कि आप बार-बार (हर पांच साल के बाद) सरकार बदलते हैं. भले ही उनका काम अच्छा हो. कभी आप मोदी जी की लहर से बहक गए. एक बार राज्य सरकार के कर्मचारियों ने मेरा विरोध किया, क्योंकि हम उनसे बातचीत नहीं कर सके और इसने हड़ताल की. हमारी सरकार को वोट दिया गया, हम इसे स्वीकार करते हैं. मेरे पहले कार्यकाल (1998-2003) में संवाद की कमी के कारण सरकार गिर गई. अगली बार (2008-2013) मोदी जी के पक्ष में देश में ऐसा माहौल बना कि (दिल्ली की सीएम) शीला दीक्षित भी चुनाव हार गईं. हम मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में जीतने वाले थे, लेकिन हम वहां भी हार गए. मैं जनता से अनुरोध कर रहा हूं कि इस बार हमें एक और मौका दें. गहलोत ने यह भी कहा कि वह अपनी अंतिम सांस तक राजस्थान के लोगों की सेवा करेंगे.

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दोनों खेमे में चुप्पी
गौरतलब है कि सीएम की टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब केंद्रीय कांग्रेस नेतृत्व का सोटा चलने के बाद अशोक गहलोत और सचिन पायलट दोनों ही खेमे कांग्रेसी बिल्कुल खामोश हो गई है. इस बीच गहलोत गुट के एक वरिष्ठ कांग्रेस मंत्री, जो पिछले एक सप्ताह में पायलट के वफादारों पर हमला करने में सबसे आगे थे. उसने कहा कि हमें बिल्कुल कोई बयान नहीं देने के लिए कहा गया है. वहीं, महासचिव (संगठन) वेणुगोपाल के बयान के बारे में पूछे जाने पर कि सोनिया गांधी तय करेंगी कि एक-दो दिनों में राजस्थान का मुख्यमंत्री कौन होगा. इस पर उस मंत्री ने कहा कि फिलहाल ऐसा नहीं लगता कि कोई बदलाव होगा.