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रिसर्जेंट राजस्थान के तहत 200 करार रद्द करेगी कांग्रेस सरकार, राजे सरकार ने किए अंबानी-अडानी से किए थे करार

राजस्थान सरकार का दावा हैं कि प्रदेश में अब तक सिर्फ़ बारह हज़ार करोड़ के निवेश की दिशा में काम आगे बढ़ा है.

Updated on: 11 Jan 2019, 04:01 PM

जयपुर:

करीब एक महीने पहले प्रदेश की सत्ता पर काबिज़ हुई अशोक गहलोत सरकार ने पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे सरकार के समय में हुए नए उद्योग धंधों से जुड़े करीब 200 करार (एमओयू) रद्द करने का फैसला लिया हैं. वसुंधरा राजे ने मुख्यमत्री रहने के दौरान नवम्बर 2015 में रिसर्जेंट राजस्थान में बड़े-बड़े उद्योगपतियों को जयपुर बुलाकर उनके साथ ये एमओयू किए थे.

अनिल अंबानी, गौतम अडानी, रतन टाटा और आनंद महिंद्रा समेत करीब एक दर्जन नाम चीन उद्यमी वसुंधरा राजे के न्योते पर जयपुर आए थे. उस वक्त करीब 3.37 लाख करोड़ रुपए के निवेश वाले 470 एमओयू राजस्थान सरकार ने किए थे. लेकिन बीजेपी ने वक्त बीतने के साथ ही खुद अपने राज में इनमें से 124 एमओयू को रद्द कर दिया था. अब चार साल बाद निष्क्रिय पड़े करीब 200 एमओयू अशोक गहलोत सरकार रद्द करने जा रही है.

राजस्थान सरकार का दावा हैं कि प्रदेश में अब तक सिर्फ़ बारह हज़ार करोड़ के निवेश की दिशा में काम आगे बढ़ा है. अनिल अंबानी की रिलायंस समूह और गौतम अडानी का अडानी समूह वैकल्पिक ऊर्जा के लिए किए गए एमओयू को अमली जामा पहनाने में विफल रहा है. इसलिए इनके साथ किया गया करार भी नोटिस देकर खत्म किया जाएगा. इसके अलावा खनन, पर्यटन, चिकित्सा और मेडिकल शिक्षा को लेकर किए गए एमओयू भी विफलता के कारण खत्म किए जा रहे हैं.

सत्ता से बाहर हुई बीजेपी का राज्य सरकार पर अलग ही आरोप है. बीजेपी इस मुद्दे को लेकर सरकार से श्वेत पत्र जारी करने की मांग कर रही है. दरअसल कांग्रेस सरकार लगातार भाजपा की योजनाओं पर कैंची चला रही है. जिससे साफ है कि आगे विधानसभा सत्र के दौरान सदन के अंदर और बाहर बीजेपी, कांग्रेस सरकार पर हमला बोलेगी.